शिव शक्ति धाम प्रबंधन समिति मोरसिंघी का हुआ गठन, त्योहारों पर उत्सवों का भी किया जाएगा आयोजन
जिला बिलासपुर के मोरसिंधी में देवस्थान में पवित्रता बनी रहे इस उद्देश्य से नवरात्रि के पहले दिन शिव शक्ति धाम प्रबंधन समिति मोरसिंघी का गठन किया गया।

रामपाल शर्मा । घुमारवीं
जिला बिलासपुर के मोरसिंधी में देवस्थान में पवित्रता बनी रहे इस उद्देश्य से नवरात्रि के पहले दिन शिव शक्ति धाम प्रबंधन समिति मोरसिंघी का गठन किया गया। समिति में के. आर रत्न को मुख्य संरक्षक, रोशन लाल धीमान को संयोजक, शहजाद सिंह चौहान को मुख्य सलाहकार, यशवंत सिंह चौहान को प्रधान, जगदेव चौहान को उप प्रधान, दीप राम वसिष्ठ को सचिव,रमेश गर्ग को सह सचिव, विजय पाल गर्ग को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। अन्य सदस्यों की नियुक्ति नव निर्मित कार्यकारिणी जल्दी ही करेगी।
बता दें कि यूं तो देवभूमि हिमाचल में स्थान स्थान पर देवताओं का वास है तथा आस्था के प्रतीक बहुत सारे मंदिर भी हैं लेकिन कुछ मंदिर प्राचीन काल से आस्था का केंद्र तो रहे हैं लेकिन उनके जीर्णोद्धार की आवश्यकता है। ऐसा ही एक प्राचीन मंदिर जिला बिलासपुर के मोरसिंघी गांव में बस स्टैंड के ठीक पास में स्थित है जो एक 300 वर्ष पुराने पीपल के वृक्ष के नीचे स्थापित है। इस मंदिर की स्थापना स्थानीय समाजसेवी एवं व्यवसायी स्वर्गीय लाला पूर्ण चंद बरूर ने की थी। अब उनके पोते पवन बरूर ने जीर्णोद्वार करके अपनी स्वर्गीय बेटी नेहा बरूर की स्मृति में शिव शक्ति धाम बनाया है। इस धाम में श्री पीपलेश्वर महादेव, मां जगदंबे, गणेश, हनुमान, भैरव, शनिदेव व नाहर सिंह के मंदिर बनाए गए हैं।
मंदिर की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए कार्यकारिणी पहले रविवार को बैठक का आयोजन किया करेगी तथा आय व्यय का हिसाब भी रखेगी। इसके अतिरिक्त समिति विभिन्न त्योहारों पर उत्सवों का भी आयोजन किया करेगी।
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