एचपीयू में दो साल से कुलपति का पद खाली, प्रशासनिक कार्य प्रभावित
हिमाचल प्रदेश विवि को पिछले दो सालों से स्थायी कुलपति का इंतजार है।

ब्यूरो रिपोर्ट। शिमला
हिमाचल प्रदेश विवि को पिछले दो सालों से स्थायी कुलपति का इंतजार है। इसके लिए राज्यपाल की ओर से चयनित कमेटी ने अभी तक अपने नाम नहीं दिए हैं वहीं अब यूजीसी के निए नए ड्राफ्ट नेे एचपीयू की मुश्किलें और बढ़ा दी है। लगातार यूजीसी के नए ड्राफ्ट का विरोध हो रहा है। ऐसे में अब विश्वविद्यालय में यदि नया रुल लागू होता है तो एचपीयू में कुलपति की नियुक्ति में और समय लगेगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने देश भर के विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्ति को लेकर पुराने नियमों में कुछ फेरबदल किया है। यूजीसी के नए नियम में कहा गया है कि अब कुलपति बनने के लिए इस साल के टीचिंग एक्सपीरिएंस की जरूरत नहीं होगी या यूं कहें कि अब इसकी अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। वहीं वाइस चासंलर से ज्यादा शक्तियां चांसलर के पास होगी। ऐसे में हिमाचल सरकार भी इस फैसले का विरोध कर रही है। वहीं एचपीयू की बात की जाए तो कुलपति की नियुक्ति के लिए राज्यपाल ने एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में वीसी की नियुक्ति के लिए एक पैनल की सिफारिश करेगी। सीएम सूक्खु के प्रधान सलाहकार रिटायर राम सुभग सिंह इस कमेटी के अध्यक्ष है।राज्यपाल के सचिव कार्यालय से इसकी नोटिफिकेशन जारी हो गई है। गौरतलब है कि पूर्व वीसी सिकंदर कुमार द्वारा ऐच्छिक रिटायरमेंट लेने के बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय बिना वीसी के ही चल रहा है।
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