चुनाव आयोग पर तेजस्वी यादव के आरोप, बिहार चुनाव में बवाल
बिहार चुनाव 2025 में तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर भाजपा हित में पक्षपात और डेटा छिपाने का आरोप लगाया, EC ने सभी दावों को ‘ग़लत’ बताया।
11 नवंबर 2025 को बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान RJD नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग (EC) पर भाजपा के लिए पक्षपात और वोट डेटा छिपाने का आरोप लगाया, जिससे प्रदेश का राजनीतिक माहौल गर्म हो गया। आखिर सच क्या है, जानिए विस्तार से।
तेजस्वी के आरोप: EC किसकी तरफ?
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वोटिंग के चार दिन बाद भी gender-wise मतदान डेटा जारी नहीं
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आयोग पर केंद्र सरकार और भाजपा के दबाव में काम करने का आरोप
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68% पुलिस ऑब्जर्वर BJP-शासित राज्यों से लाने का आरोप
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EVM strongroom में CCTV बार-बार बंद होना, निगरानी में कमी
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तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को “Dead” और “BJP का टूल” तक कहा
चुनाव आयोग ने क्या जवाब दिया?
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EC ने स्पष्ट किया: gender-wise वोटिंग डेटा अंतिम रिपोर्ट के साथ ही जारी होगा
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केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती सभी राज्यों से, सिर्फ BJP वाले नहीं
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CCTV हर strongroom में चालू, किसी खराबी पर तुरंत सुधार
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EC ने सुधरे सिस्टम, पारदर्शी प्रक्रिया और निष्पक्षता का दावा किया
विपक्ष और भाजपा में बयानबाज़ी
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विपक्ष (RJD, कांग्रेस) ने EC की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए
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बीजेपी और NDA ने आरोपों को हार का बहाना बताया
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चुनाव आयोग ने पारदर्शिता बनाए रखने की बात दोहराई
Q&A:
Q: क्या चुनाव आयोग पक्षपाती है?
A: EC ने हर आरोप का तकनीकी और तथ्य आधारित जवाब दिया है, निष्पक्षता पर जोर दिया।
Q: आगे क्या होगा?
A: अंतिम वोट काउंटिंग के बाद ही असली तस्वीर साफ होगी। जनता फैसले का इंतजार कर रही है।
निष्कर्ष:
बिहार चुनाव 2025 में तेजस्वी यादव और EC आमने-सामने हैं, जिससे चुनावी तापमान चरम पर है। पारदर्शिता, स्वतंत्रता और जनता का भरोसा—इसी पर लोकतंत्र टिका है।
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