"मंडी का पंचवक्त्र मंदिर: पांच मुखों के शिवलिंग का अलौकिक रहस्य"

मंडी के पंचवक्त्र मंदिर में पंचमुखी शिवलिंग स्थापित है। बाढ़ और प्राकृतिक आपदा में भी सुरक्षित, यहां के चमत्कार और ऊर्जा भक्तों को आकर्षित करते हैं।

Oct 29, 2025 - 09:09
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"मंडी का पंचवक्त्र मंदिर: पांच मुखों के शिवलिंग का अलौकिक रहस्य"
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मंडी जिले के ब्यास और सुकेत्टी नदी के संगम पर स्थित पंचवक्त्र महादेव मंदिर हिमाचल के सबसे रहस्यमयी और चमत्कारी शिवधामों में गिना जाता है। यहां भगवान शिव का पंचमुखी स्वरूप, प्राकृतिक आपदाओं में मंदिर का सुरक्षित रहना और भक्तों के अनुभव, आस्था की मिसाल हैं।

मंदिर का परिचय और इतिहास

  • राजा अजबर सेन द्वारा 16वीं सदी में निर्माण और बाद में राजा सिद्ध सेन द्वारा पुनर्निर्माण।

  • यहां भगवान शिव के पांच मुख—अघोर, ईशान, तत्पुरुष, वामदेव, रुद्र—क्रमशः परम शक्ति का प्रतीक।

चमत्कार और मान्यताएं

  • प्राकृतिक आपदा के समय ब्यास नदी की रौद्र धारा मंदिर को परिक्रमा करती है लेकिन भीतर प्रवेश नहीं करती।

  • 2023 और 2025 की बात करें, जब बाढ़ में आसपास के संरचनाएं नष्ट हुईं, तब पंचवक्त्र मंदिर पूर्णतः सुरक्षित रहा।

  • मान्यता है, यहां ध्यान व पूजा करने से साधकों की मनोकामना अवश्य पूरी होती है।

  • पंचमुखी शिवलिंग भारत के सबसे दुर्लभ और शक्तिशाली लिंगों में से है।

  • मंदिर की नक्काशी अद्भुत, पीतल की मूर्तियां 500+ साल पुरानी हैं।

Q&A/सूचनाएं 

  • क्यों खास है पंचवक्त्र मंदिर?

    • प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा और पंचमुखी शिवलिंग की ऊर्जा।

  • कब जाना चाहिए?

    • शिवरात्रि पर विशेष पूजा, लेकिन सालभर खुले रहता है।

श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा

मंडी के पंचवक्त्र मंदिर का माहौल मन, ध्यान और साधना के लिए विशेष है। यहां की शक्ति, इतिहास और चमत्कार भक्तों में नई आस्था जगाते हैं। अगर आप हिमाचल में हैं तो इस रत्न को जरूर देखें और अनुभव करें!

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