“क्या आपने चखी हिमाचल की सबसे खास मछली, कुल्लू ट्राउट?”
हिमाचल की कुल्लू ट्राउट मछली स्वाद और स्वास्थ्य में बेमिसाल है। जानें इसे बनाने की पारंपरिक विधि और खास स्वाद का राज।

कुल्लू ट्राउट: हिमाचल की नदी की ताजगी आपकी प्लेट में
1. हिमाचल की नदी से सीधे आती है ताजगी
कुल्लू ट्राउट हिमाचल की बीहड़ पहाड़ी नदियों से आती है। खासकर बियास और सती नदियां इसकी प्राकृतिक निवासस्थली मानी जाती हैं। इन ठंडी और साफ़ नदियों में ट्राउट मछली अपने प्राकृतिक स्वाद और नमी को बरकरार रखती है, जो इसे अन्य मछलियों से अलग बनाती है।
2. स्वाद में बेमिसाल और स्वास्थ्यवर्धक
कुल्लू ट्राउट का स्वाद हल्का, ताज़गी भरा और मसालों के साथ लाजवाब होता है। इसमें प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यही वजह है कि यह मछली स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी मानी जाती है।
3. पारंपरिक पकाने की विधि
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सबसे पहले मछली को साफ करके हल्का नमक लगाया जाता है।
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फिर इसमें हरी मिर्च, अदरक-लहसुन का पेस्ट और स्थानीय हर्ब्स डाले जाते हैं।
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मछली को ग्रिल, तंदूर या तवे पर हल्की आंच में पकाया जाता है, ताकि इसका प्राकृतिक स्वाद और नमी बनी रहे।
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पकने के बाद इसे ताजी हर्ब्स और नींबू के साथ परोसा जाता है।
4. कुल्लू ट्राउट का अनुभव
इस मछली का हर बाइट आपको हिमाचल की ठंडी नदियों की ताजगी और प्राकृतिक स्वाद का अनुभव कराता है। यह सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि हिमाचल की संस्कृति, परंपरा और स्थानीय पाककला का प्रतीक भी है।
5. कहां खाएं और ट्राई करें
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कुल्लू और आसपास के छोटे गांवों में स्थानीय रेस्टोरेंट और होमस्टे में यह डिश आसानी से उपलब्ध होती है।
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पर्यटक इसे फ्रेश नदी से पकाई हुई ट्राउट के रूप में ट्राई करें, यही असली अनुभव है।
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