ISRO का धमाका: Chandrayaan-2 ने चांद के पोलर इलाक़ों का गुप्त राज खोला
ISRO ने Chandrayaan-2 ऑर्बिटर के ज़रिए चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों का नया डेटा 8 नवंबर 2025 को जारी किया, जिससे वैज्ञानिकों को पानी-बर्फ़ खोज व मून रिसर्च में नया सुराग मिला।
भारत के अंतरिक्ष संस्थान ISRO ने 7–8 नवंबर 2025 को Chandrayaan-2 ऑर्बिटर का नया डेटा जारी किया, जिससे चंद्रमा के उत्तर और दक्षिणी ध्रुव की सतह के बारे में वैज्ञानिकों को अद्भुत जानकारी मिली है।
क्या है इसरो का नया डेटा और क्यों है खास?
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Chandrayaan-2 ऑर्बिटर 2019 से चांद की कक्षा में शोध कर रहा है
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ऑर्बिटर के DFSAR पेलोड से बहुत उच्च रेजॉल्यूशन (25 मीटर/पिक्सल) डेटा प्राप्त हुआ
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पोलर क्षेत्र की सतह में पानी-बर्फ़ (water-ice) की मौजूदगी के स्पष्ट संकेत मिले हैं
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डेटा से Moon की सतह की roughness, density और chemistry भी जांची गई
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करीब 1400 रडार इमेज से वैज्ञानिकों ने detailed polar maps बनाई हैं
क्या बोले वैज्ञानिक?
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ISRO वैज्ञानिकों के अनुसार, ये डेटा भविष्य के चंद्र मिशनों के लिए नई लैंडिंग साइट चुनने से लेकर रिसोर्स खोज तक बेहद महत्वपूर्ण है।
- इसकी मदद से शुरुआती सौरमंडल के रासायनिक रहस्यों को भी समझा जा सकेगा।
निष्कर्ष
भारत का Chandrayaan-2 मिशन वैज्ञानिक दृष्टि से देश को दुनिया में अग्रणी बना रहा है, जिससे नई खोजों के लिए हिमाचल और भारत के युवाओं को प्रेरणा मिलती है। यह उपलब्धि देश के लिए गर्व की बात है।
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