लाहौल की रहस्यमयी नीलकंठ महादेव, जहां शिव ने किया विश्राम

हिमाचल के लाहौल में 4,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर, शिव भक्तों के लिए पवित्र स्थल और अनोखा तपस्या स्थल है।

Oct 31, 2025 - 09:00
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लाहौल की रहस्यमयी नीलकंठ महादेव, जहां शिव ने किया विश्राम
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शिव के ध्यान का स्थान: नीलकंठ महादेव मंदिर, लाहौल

लाहौल की हिमालयी वादियों में छुपा है नीलकंठ महादेव मंदिर और झील, जो धार्मिक आस्था, आध्यात्मिक शांति और प्राकृतिक रहस्य का अद्भुत संगम है। यह मंदिर समुद्रतल से 4,200 मीटर की ऊंचाई पर पट्टन घाटी में स्थित है।

धार्मिक कथा और आस्था

  • लोककथा के अनुसार, समुद्र मंथन के बाद भगवान शिव ने विषपान किया। विष की तीव्रता को शांत करने के लिए वे हिमालय की इसी वादी में ध्यानरत हुए, जिससे उनका कंठ नीला हुआ।

  • नीलकंठ झील के पानी की गहराई और रंग भी इसी कथा से जुड़ी है।

  • स्थानीय लोग कहते हैं कि जो भक्त यहां स्नान करता है और शिव की पूजा करता है, उसे संतान का आशीर्वाद मिलता है।

रोमांच और कठिनाई

  • मंदिर तक पहुंचने के लिए कठिन ट्रेक करना पड़ता है; रास्ता केवल जून-सितंबर तक खुला रहता है।

  • पूरा क्षेत्र हिमालय के बर्फीले माहौल में शांत और पवित्र है।

  • यहां महिलाओं का प्रवेश स्थानीय रीति-रिवाजों के कारण सीमित है।

श्रद्धा की परंपरा

  • सावन मास और महाशिवरात्रि के अवसर पर दूर-दराज से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।

  • स्थानीय गद्दी समाज और अन्य ग्रामीण यहां श्राद्ध-पूजन, विशेष पूजा विधि का आयोजन करते हैं।

निष्कर्ष

लाहौल का नीलकंठ महादेव मंदिर आधुनिक यात्रियों, प्रकृति प्रेमियों और शिव भक्तों के लिए एक अलौकिक अनुभव देता है—एक जगह जहां पहाड़, आस्था और रहस्य का अद्वितीय मेल मिलता है।

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