अभाविप अधिवेशन में दो बड़े प्रस्ताव पारित, नशे और शिक्षा पर जताई चिंता
कांगड़ा की गुप्त गंगा में संपन्न अभाविप के 46वें प्रांत अधिवेशन में नशे के बढ़ते संकट और शिक्षा व्यवस्था पर दो अहम प्रस्ताव पारित किए गए।
सुमन महाशा। कांगड़ा
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा की पवित्र गुप्त गंगा भूमि में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का 46वां प्रांत अधिवेशन देशभक्ति और संगठन की भावना के साथ सम्पन्न हुआ। अधिवेशन में वर्ष 2025–26 के लिए नई प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा की गई, साथ ही प्रदेश के नशे के बढ़ते संकट और शैक्षणिक परिदृश्य पर दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित हुए।
🏛️ नई प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा
अधिवेशन में डॉ. राकेश शर्मा को पुनः प्रदेश अध्यक्ष और कु. नैंसी अटल को प्रदेश मंत्री चुना गया। दोनों ने संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प दोहराया।
प्रांत मंत्री नैंसी अटल ने बताया कि इस अधिवेशन में प्रदेशभर से 524 कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें 310 छात्र, 167 छात्राएं और 47 प्राध्यापक शामिल रहे।
⚖️ नशे के खिलाफ सख्त प्रस्ताव पारित
पहले प्रस्ताव में प्रदेश में नशे की भयावह स्थिति, खासकर युवाओं में बढ़ती चिट्टा जैसी सिंथेटिक ड्रग्स की समस्या पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। परिषद ने कहा कि पुलिस और प्रशासन के प्रयासों के बावजूद नशा लगातार फैल रहा है।
अभाविप ने मांग की—
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राज्य में पुनर्वास केंद्रों की संख्या और प्रभावशीलता बढ़ाई जाए।
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नशा निवारण बोर्ड में राजनीतिक नियुक्तियों को रोका जाए।
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प्रशासनिक स्तर पर पारदर्शिता और जनसहभागिता बढ़ाई जाए।
संगठन ने कहा कि सरकार “वन मित्र, पशु मित्र, बिजली मित्र, लोक मित्र, रोगी मित्र” जैसी योजनाओं में व्यस्त है, लेकिन असली जनता से जुड़ी समस्याओं पर गंभीरता से काम नहीं कर रही।
🎓 शिक्षा पर प्रस्ताव: “संस्थान राजनीति का अखाड़ा न बनें”
दूसरे प्रस्ताव में हिमाचल के शैक्षणिक परिदृश्य को लेकर सरकार के छात्र विरोधी निर्णयों पर चिंता जताई गई।
अभाविप ने कहा—
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सरकार ने एक लाख नौकरियों की गारंटी दी थी, लेकिन पूरी नहीं की।
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कई सरकारी शिक्षण संस्थान बंद किए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीण छात्र प्रभावित हो रहे हैं।
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केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के निर्माण कार्य के लिए धनराशि जल्द उपलब्ध कराई जाए।
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शिक्षण संस्थानों में राजनीतिक हस्तक्षेप तुरंत बंद किया जाए।
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गेस्ट टीचर पॉलिसी को समाप्त कर स्थायी भर्ती की जाए।
परिषद ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो छात्र आंदोलन खड़ा किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
💬 नैंसी अटल ने दिया युवाओं को संदेश
नैंसी अटल ने कहा कि हिमाचल के युवा ही देश की असली ताकत हैं।
“हमारा हर कार्यकर्ता भारत माता के चरणों में नतमस्तक होकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य करेगा। परिषद युवाओं के भीतर राष्ट्रीयता और सेवा की भावना भरने के लिए सतत प्रयासरत है।”
✨ निष्कर्ष
कांगड़ा का यह अधिवेशन सिर्फ संगठन का वार्षिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक नीतिगत विमर्श और सामाजिक चेतना का मंच साबित हुआ। अभाविप ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि वह हिमाचल के युवाओं, शिक्षा और समाज की दिशा तय करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
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