नशे की लत से बचाव पर जागरूकता अभियान: राजकीय आर्य कॉलेज नूरपुर में विशेष व्याख्यान
राजकीय आर्य महाविद्यालय नूरपुर में नशीले पदार्थों की लत से बचाव पर विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। एनसीबी के एडिशनल डायरेक्टर ओम प्रकाश शर्मा ने विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराया।
नूरपुर से रघुनाथ शर्मा की रिपोर्ट
राजकीय आर्य महाविद्यालय नूरपुर में “नशीले पदार्थों की आदत व उनसे बचाव” विषय पर एक जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने और इसके खतरनाक परिणामों के बारे में जानकारी दी गई।
🧠 एनसीबी अधिकारी ने दी जागरूकता की सीख
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ओम प्रकाश शर्मा, एडिशनल डायरेक्टर (इंटेलिजेंस एंड ऑप्रेशंस), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), चंडीगढ़ ज़ोनल कार्यालय से थे।
उन्होंने विद्यार्थियों को नशीले पदार्थों की विभिन्न किस्मों — जैसे भांग, चरस, गांजा, हेरोइन, ब्राउन शुगर और फेंटानिल — के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया।
“नशा सिर्फ व्यक्ति को नहीं, बल्कि परिवार और समाज को भी खोखला करता है,”
— ओम प्रकाश शर्मा, एनसीबी
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान जैसे देशों में नशीले पदार्थों की अवैध खेती और तस्करी का नेटवर्क भारत सहित हिमाचल प्रदेश तक फैल चुका है। एनसीबी द्वारा मनाली, मलाणा और अन्य इलाकों में कार्रवाई कर कई आरोपियों को पकड़ा जा चुका है।
👩🏫 महाविद्यालय प्रशासन की भूमिका
कार्यक्रम का आयोजन कार्यकारी प्राचार्य डॉ. दिलजीत सिंह, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. रोहित कुमार और प्रो. मोनिका चौधरी की देखरेख में हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण से हुई, जिसमें छात्रों को इस जागरूकता व्याख्यान के उद्देश्य के बारे में बताया गया।
डॉ. दिलजीत सिंह ने कहा कि—
“नशा किसी भी समाज के विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा है। युवाओं को इसका विरोध करना चाहिए और अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए।”
🎓 विद्यार्थियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया
कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने फीडबैक देते हुए कहा कि यह व्याख्यान बेहद जानकारीपूर्ण और प्रेरणादायक रहा। उन्होंने ऐसे जागरूकता अभियानों को नियमित रूप से आयोजित करने की इच्छा भी जताई।
🙏 धन्यवाद ज्ञापन
अंत में डॉ. अनिल कुमार ने विशेषज्ञ वक्ता, शिक्षकों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया और नशा मुक्त समाज के निर्माण में युवाओं की भूमिका पर बल दिया।
🔚 निष्कर्ष
नूरपुर कॉलेज का यह प्रयास नशा मुक्त हिमाचल की दिशा में एक सार्थक कदम है। ऐसे कार्यक्रमों से युवाओं में चेतना जागृत होती है और समाज में सकारात्मक बदलाव की नींव रखी जाती है।
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