विक्रम सोलर लिस्टिंग फीकी, सिर्फ 2% मिला प्रीमियम
विक्रम सोलर के शेयर 2% प्रीमियम पर लिस्ट हुए, उम्मीदों से कमजोर शुरुआत। एक्सपर्ट्स का कहना- शॉर्ट टर्म में मुनाफा बुक करें, लॉन्ग टर्म के लिए होल्ड रखें।

विक्रम सोलर (Vikram Solar) के शेयर 26 अगस्त को शेयर बाजार में लिस्ट हो गए। कंपनी के शेयर ने निवेशकों को शुरुआती बढ़त तो दी, लेकिन यह ग्रे मार्केट की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे।
जानकारी के अनुसार, कंपनी के शेयर ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 338 रुपये प्रति शेयर के भाव पर लिस्टिंग की, जो इसके इश्यू प्राइस (315-332 रुपये) से मात्र 1.81% प्रीमियम था । वहीं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 340 रुपये प्रति शेयर के भाव पर शुरुआत हुई, जो 2.4% प्रीमियम रहा।
स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक लिस्टिंग के साथ ही कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 12,837.34 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
आईपीओ को निवेशकों से 2,079.09 करोड़ रुपये का बिड मिला था। कंपनी ने आईपीओ के तहत 21,307,365 शेयर ऑफर किए और इसे 54.63 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। वहीं, रिटेल निवेशकों का हिस्सा 54.63 गुना सब्सक्राइब किया गया।
कंपनी को आईपीओ से 621 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद थी।
हालांकि, मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि 10% या उससे ज्यादा प्रीमियम लिस्टिंग पर मार्केट उम्मीद जता रही थी। लेकिन लिस्टिंग के वक्त ऐसा देखने को नहीं मिला।
निवेशकों के लिए क्या है रणनीति?
एजकॉन ग्लोबल सर्विसेज के रिसर्च एनालिस्ट अखिलेश देसाई का कहना है कि, “भारत का सोलर पावर सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। विक्रम सोलर ने भी पिछले कुछ समय में राजस्व और मुनाफे में अच्छी ग्रोथ दिखाई है। शॉर्ट-टर्म निवेशक मुनाफा बुक कर सकते हैं, जबकि लॉन्ग-टर्म निवेशक, जितना रिस्क उठाने की क्षमता है, वे कंपनी के ग्रोथ पोटेंशियल के लिए शेयर होल्ड रख सकते हैं।”
कंपनी का प्रोफाइल
विक्रम सोलर ने 2009 में 12 मेगावॉट क्षमता के साथ मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशन शुरू किया था। आज कंपनी की 4.50 गीगावॉट सोलर पीवी मॉड्यूल इंस्टॉलेशन क्षमता है। इसके प्लांट पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में स्थित हैं। इसके अलावा तमिलनाडु के गंगैकोण्डान में कंपनी के दो सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भी हैं।
कंपनी की सेवाएं फिलहाल 19 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई है। इसके प्रमुख ग्राहक एनटीपीसी, नेयवेली लिगनाइट कॉरपोरेशन, गुजरात इंडस्ट्रीज पावर कंपनी, अडानी ग्रीन एनर्जी, अज्योर पावर इंडिया, जेएसडब्ल्यू एनर्जी जैसे बड़े सरकारी और निजी सेक्टर के खिलाड़ी हैं।
What's Your Reaction?






