ज्वाली के चैन सिंह का बड़ा फैसला, मृत्यु बाद पूरा शरीर दान

ज्वाली के चैन सिंह गुलेरिया ने मृत्यु उपरांत पूरा शरीर मेडिकल रिसर्च व शिक्षा के लिए दान करने का संकल्प लिया, क्षेत्र में सराहना।

Dec 19, 2025 - 18:50
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ज्वाली के चैन सिंह का बड़ा फैसला, मृत्यु बाद पूरा शरीर दान

बलवंत धीमान। जवाली

मानव सेवा और समाज कल्याण की मिसाल पेश करते हुए ज्वाली क्षेत्र के सिद्धपुर घाड़ पंचायत अंतर्गत गांव झलूं निवासी चैन सिंह गुलेरिया ने मृत्यु के बाद अपना पूरा शरीर मेडिकल रिसर्च और चिकित्सा शिक्षा के लिए दान करने का संकल्प लिया है। उनके इस निर्णय की क्षेत्र में व्यापक सराहना हो रही है।


मृत्यु के बाद भी मानवता की सेवा का संकल्प

चैन सिंह गुलेरिया का मानना है कि—

“शरीर दान ऐसा पुण्य कार्य है, जिससे मृत्यु के बाद भी किसी के जीवन को दिशा मिल सकती है।”

उन्होंने कहा कि मेडिकल विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को शरीर की संरचना समझने, नई बीमारियों पर अध्ययन करने और बेहतर इलाज विकसित करने में शरीर दान अत्यंत सहायक होता है।


परिवार का पूरा समर्थन, समाज को दिया संदेश

इस निर्णय पर परिवार के सदस्यों ने भी सहमति जताते हुए कहा कि—

  • मानव सेवा का यह मार्ग सबसे श्रेष्ठ है

  • इससे समाज में सकारात्मक सोच का प्रसार होता है

  • अधिक से अधिक लोगों को शरीर दान के प्रति जागरूक होना चाहिए

परिवार ने लोगों से अपील की कि वे इस विषय पर खुलकर चर्चा करें और आगे आएं।


चिकित्सा संस्थानों को है शरीर दान की बड़ी जरूरत

विशेषज्ञों के अनुसार—

  • देशभर के मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण और रिसर्च के लिए शरीरों की कमी बनी रहती है

  • जागरूकता की कमी के कारण यह आवश्यकता पूरी नहीं हो पाती

  • ऐसे में चैन सिंह गुलेरिया जैसे निर्णय समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं


समाजसेवियों ने बताया उच्च मानवीय मूल्य

स्थानीय समाजसेवियों और प्रेस क्लब ज्वाली के सदस्यों ने चैन सिंह गुलेरिया के इस फैसले को—

“उच्च मानवीय मूल्यों और सच्ची मानव सेवा की मिसाल”

बताते हुए उनकी सराहना की है।


निष्कर्ष

चैन सिंह गुलेरिया का यह संकल्प न केवल ज्वाली बल्कि पूरे हिमाचल के लिए प्रेरणादायक है। ऐसे फैसले समाज में जीवन के बाद भी जीवन देने की भावना को मजबूत करते हैं।

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