AI हैकिंग और 'डिजिटल अरेस्ट': भारत में साइबर क्राइम अलर्ट!

भारत में अक्टूबर 2025 में AI-सक्षम हैकिंग और वॉयस फिशिंग की घटनाएं बढ़ीं। "डिजिटल अरेस्ट" व फर्जी कॉलिंग से जुड़े नए साइबर ख़तरे पर विशेषज्ञों ने चेताया।

Oct 27, 2025 - 09:00
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AI हैकिंग और 'डिजिटल अरेस्ट': भारत में साइबर क्राइम अलर्ट!
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अक्टूबर 2025 में भारत में साइबर अपराध का नया ट्रेंड सामने आया — AI-सक्षम हैकिंग, फर्जी वॉयस फिशिंग और अब "डिजिटल अरेस्ट" जैसे मामले जिनकी वजह से जनता को तुरंत सतर्क रहने की सलाह दी गई है। अब केवल OTP या ईमेल नहीं, बल्कि AI आधारित फर्जी इंटरव्यू कॉल्स, डीपफेक वॉयस और पुलिस अधिकारी बनकर धमकाने वाले स्कैम्स सामने आ रहे हैं। अक्टूबर के अंतिम हफ्ते में साइबर पुलिस ने कई राज्यों में मामले दर्ज किए हैं— और विशेषज्ञों की सलाह है कि हर नागरिक को सतर्क रहना जरूरी है।


क्या है AI हैकिंग, वॉयस फिशिंग और 'डिजिटल अरेस्ट'?

  • AI हैकिंग: वॉयस क्लोनिंग या डीपफेक टेक्नोलॉजी के जरिए, हैकर्स आपके रिश्तेदार, अधिकारी या मित्र बनकर पैसे या पर्सनल जानकारी ऐंठ सकते हैं।

  • वॉयस फिशिंग: अनजान नंबर से कॉल, जहां आपका नाम व आधार बताकर, सरकारी जांच या इंटरव्यू के बहाने अकाउंट-डिटेल मांगी जाती है।

  • डिजिटल अरेस्ट स्कैम: साइबर ठग खुद को पुलिस या एजेंसी अधिकारी बताकर, केस या गिरफ्तारी की धमकी देते हैं और झूठे लिंक/पेमेंट मांगते हैं।

  • सबसे ज्यादा मामले मुंबई, दिल्ली, हिमाचल समेत कई राज्यों से रिपोर्ट हुए हैं।

  • CERT-In ने हेल्पलाइन नंबर व डिजिटल जागरूकता अभियान शुरू किया।


सरकार और अदालत की नई पहल

  • अक्टूबर 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने 'डिजिटल अरेस्ट' धोखाधड़ी पर पहली सुनवाई शुरू की, और तकनीकी टीम द्वारा प्रतिवेदन मांगा।

  • साइबर सेल और AI एक्सपर्ट्स ने मिल कर वॉयस फिशिंग व AI हैकिंग मॉड्यूल को पहचानने का प्रशिक्षण शुरू किया।

  • त्योहारों के दौरान सबसे ज्यादा फ्रॉड ऑनलाइन पेमेंट और फर्जी ऑर्डर से जुड़े रहे।


पाठकों से सवाल और सलाह

Q: क्या AI वॉयस कॉल आने पर तुरंत पैसे या पर्सनल डिटेल शेयर करें?
A: कभी नहीं! स्कैम की पुष्टि करें, चौंकाने वाले वॉयस या विडियो का विश्वास न करें।

Q: डिजिटल अरेस्ट या पुलिस कॉल पर क्या कदम उठाएं?
A: कोई पेमेंट न करें, तुरंत साइबर पुलिस को शिकायत करें।


इंसानी टच:

हमारे पाठकों के लिए — तकनीक जितनी फायदेमंद है, उतना ही आजकल धोखाधड़ी का माध्‍यम भी बन गई है। हिमाचल जैसे शांत प्रदेशों में भी ऐसे मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए ज़रा सी सावधानी, सही जानकारी और समय पर शिकायत आपको सुरक्षित रख सकती है।

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