अफसरों की मनमानी से बेबस मुख्यमंत्री? जयराम ठाकुर का बड़ा आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार अफसरों की मनमानी रोकने में नाकाम रही है। स्थाई नियुक्तियों, आउटसोर्स भर्ती और कर्ज नीति पर भी सवाल उठाए।
ब्यूरो रिपोर्ट। शिमला
हिमाचल प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार की कार्यप्रणाली पर तीखा हमला बोला है। उनका कहना है कि सरकार अफसरों की मनमानी के आगे पूरी तरह बेबस हो चुकी है, और हाल ही में माननीय उच्च न्यायालय की टिप्पणियां इसका सबसे बड़ा प्रमाण हैं।
उच्च न्यायालय की टिप्पणियों से उजागर हुई 'शासन व्यवस्था की नाकामी'
जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले दिनों उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियां बताती हैं कि सरकार किस दिशा में काम कर रही है।
उन्होंने याद दिलाया कि न्यायालय पहले ही सरकार को बिना दूरदर्शी सोच के बताए काम करने वाली सरकार करार दे चुका है। इसके बावजूद अधिकारियों के रवैये में कोई सुधार नहीं आया।
“अब तो स्थिति यह है कि कोर्ट को कहना पड़ा कि सरकार के कामकाज से ये पता ही नहीं चलता कि वह प्रदेश चला रही है या पंचायत,” जयराम ठाकुर ने कटाक्ष किया।
आउटसोर्स भर्ती में घोटालों के आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अस्थायी नौकरियों और आउटसोर्स भर्ती एजेंसियों के चयन में भारी लापरवाही बरती जा रही है।
उन्होंने लगाए प्रमुख आरोप:
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बिजली मित्र, पशु मित्र, रोगी मित्र जैसे पदों पर संभावित घोटाले की आशंका
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फिनाइल बेचने वाली कंपनियों को नर्स भर्ती का ठेका दिया जाना
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अधिकारियों द्वारा चहेतों को लाभ पहुंचाने की कोशिश
उन्होंने कहा कि आए दिन मंत्री और नेता मंचों से अफसरों को नसीहत देते दिख रहे हैं, जिससे साफ है कि अस्य के हाथ खड़कौली, सरकार सिर्फ देख रही है।
“अधिकारियों को खुली छूट दी, अब सरकार उसी का नतीजा भुगत रही है”
जयराम ठाकुर ने दावा किया कि सत्ता में आने के बाद सरकार ने कुछ अधिकारियों को अत्यधिक छूट दी, जिसका नतीजा आज सामने है।
उन्होंने कहा:
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सत्ता पक्ष के विधायकों की भी सुनवाई नहीं हो रही
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मुख्यमंत्री स्थाई मुख्य सचिव और डीजीपी तक नियुक्त नहीं कर पा रहे
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स्थिति 'व्यवस्था परिवर्तन' से 'व्यवस्था पतन' तक पहुंच गई है
कर्ज पर टिकी सरकार की अर्थव्यवस्था — जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर भी सवाल उठाए।
उनके मुख्य आरोप:
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प्रदेश में हर दिन कर्ज लेने की खबरें
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आत्मनिर्भरता के नाम पर केवल कर बढ़ाना
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उद्योगों और राजस्व बढ़ाने की कोई योजना नहीं
उन्होंने पूछा कि ऐसे में हिमाचल दो साल में कैसे आत्मनिर्भर बनेगा?
निष्कर्ष
जयराम ठाकुर की इस कड़ी प्रेस रिलीज़ ने हिमाचल की सियासत में नई बहस छेड़ दी है। अब देखना होगा कि सरकार इन आरोपों का क्या जवाब देती है और क्या अफसरशाही पर काबू पाने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं।
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