स्वयं सहायता समूहों का सशक्तिकरण: दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न
कांगड़ा में कृषि विज्ञान केंद्र में SHG सुदृढ़ीकरण पर दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न। 40 प्रेरकों ने ग्रामीण विकास, आजीविका व फसल विविधीकरण पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ सीखीं।
सुमन महाशा, कांगड़ा।
कृषि विज्ञान केंद्र, कांगड़ा में जिला परियोजना प्रबंधन इकाई (DPMU) पालमपुर द्वारा 14 और 15 नवंबर 2025 को “स्वयं सहायता समूहों के संवर्धन एवं सुदृढ़ीकरण” विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इसमें जिले की विभिन्न उप-परियोजनाओं से जुड़े 40 सामुदायिक प्रेरकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
🌱 ग्रामीण आजीविका को नया बल
कार्यक्रम की शुरुआत विषय विशेषज्ञ रजनीश शर्मा ने परियोजना का परिचय और एसएचजी की भूमिका को समझाते हुए की। उन्होंने बताया कि सेल्फ हेल्प ग्रुप मॉडल ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सामाजिक जुड़ाव और स्थानीय विकास की मजबूत नींव है।
📘 प्रशिक्षण के मुख्य सत्र
1️⃣ SHG गठन व संचालन—नितीश कश्यप द्वारा मार्गदर्शन
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एसएचजी की आवश्यकता
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गठन की प्रक्रिया
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संचालन व बैठक प्रबंधन
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समूह सुदृढ़ीकरण की व्यवहारिक रणनीतियाँ
उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से बताया कि मजबूत समूह ही ग्रामीण आर्थिक प्रगति का आधार बनते हैं।
2️⃣ NABARD दृष्टिकोण — हिमांशु साहू (एजीएम, नाबार्ड)
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SHG–FPO मॉडल
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वित्तीय समावेशन
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महिला उद्यमिता
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नाबार्ड की विकासात्मक योजनाएँ
उन्होंने कहा कि एसएचजी को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ना ग्रामीण उद्यमिता को गति देता है।
3️⃣ कृषि तकनीक व नवाचार — डॉ. संजय शर्मा (प्रभारी केवीके)
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फसल विविधीकरण
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जल प्रबंधन
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सब्ज़ी किचन गार्डन
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आधुनिक तकनीक और नवाचार
4️⃣ बाजार व मूल्य संवर्धन—डॉ. दीप और निकेत
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बाजार संभावनाएँ
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मूल्य संवर्धन
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विपणन चैनल
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किसानों की आय बढ़ाने के उपाय
✨ समापन: प्रेरकों से की विशेष अपील
समापन अवसर पर डॉ. योगिंदर पॉल, जिला परियोजना प्रबंधक, ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा—
“सामुदायिक प्रेरक SHG संरचना की रीढ़ हैं। प्रशिक्षण से मिला ज्ञान गांवों तक पहुँचेगा तो ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति निश्चित रूप से मजबूत होगी।”
उन्होंने प्रेरकों को अपने-अपने क्षेत्रों में सीखे गए कौशल को लागू करने का आग्रह किया।
🔍 निष्कर्ष
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि ग्रामीण आजीविका, महिला सशक्तिकरण और कृषि नवाचारों को गति देने वाला भी साबित हुआ।
प्रतिभागियों ने इसे समुदाय विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
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