मनरेगा खत्म करने की साजिश, गरीब विरोधी सोच उजागर: देवेंद्र जग्गी
धर्मशाला में पूर्व महापौर देवेंद्र जग्गी ने भाजपा सरकार पर मनरेगा कमजोर करने और गांधी का नाम हटाकर गरीब-मजदूर विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाया।
सुमन महाशा। धर्मशाला
धर्मशाला के पूर्व महापौर देवेंद्र जग्गी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर मनरेगा को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह योजना ग्रामीण गरीबों और मजदूरों की जीवनरेखा है, जिसे धीरे-धीरे खत्म करने की कोशिश की जा रही है।
मनरेगा सिर्फ योजना नहीं, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़
देवेंद्र जग्गी ने कहा कि मनरेगा केवल रोजगार उपलब्ध कराने की योजना नहीं, बल्कि गांवों के विकास और आत्मनिर्भरता का आधार है।
इस योजना के तहत—
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गांवों में रास्ते, डंगे और जल संरक्षण कार्य
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पंचायत स्तर पर विकास को गति
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गरीब परिवारों को सम्मानजनक रोजगार
जैसे अहम कार्य संभव हो पाते थे।
ग्राम सभाओं के अधिकार छीने जा रहे
उन्होंने आरोप लगाया कि ग्राम सभाओं से निर्णय लेने की शक्तियां छीनी जा रही हैं, जिससे—
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पंचायती राज व्यवस्था कमजोर होगी
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गांवों की लोकतांत्रिक भागीदारी खत्म होगी
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फैसले अफसरशाही तक सीमित रह जाएंगे
जग्गी ने कहा कि इससे ग्रामीण भारत की आवाज दब जाएगी।
राज्यों पर बढ़ाया जा रहा आर्थिक बोझ
पूर्व महापौर ने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा में राज्य सरकारों का योगदान 10% से बढ़ाकर 40% कर दिया है।
इससे—
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आर्थिक संकट झेल रहे राज्यों पर दबाव बढ़ेगा
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अन्य विकास योजनाएं प्रभावित होंगी
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गरीबों को मिलने वाला लाभ सीमित होगा
गांधी का नाम हटाना विचारधारा पर हमला
देवेंद्र जग्गी ने कहा कि मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाना केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि—
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गांधी के विचारों पर सीधा प्रहार
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ग्रामीण स्वराज की अवधारणा को कमजोर करना
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गरीबों की आवाज को दबाने की कोशिश
है। उन्होंने कहा कि गांधी का नाम देश की आत्मा से जुड़ा है, जिसे मिटाया नहीं जा सकता।
निष्कर्ष
देवेंद्र जग्गी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मनरेगा को कमजोर करना सीधे तौर पर गरीब, मजदूर और किसानों की आजीविका पर हमला है। उन्होंने चेतावनी दी कि इसका खामियाजा देश के लाखों ग्रामीण परिवारों को भुगतना पड़ेगा और जनता इस नीति का जवाब जरूर देगी।
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