अमेरिका-भारत रक्षा समझौता: APEC Summit में 10 साल की डील, सुरक्षा और रणनीति में नया युग
APEC Summit 2025 में भारत और अमेरिका ने 10 साल का नया रक्षा समझौता साइन किया। जानिए डिटेल्स, मुख्य फायदे और क्षेत्रीय सुरक्षा पर असर।
APEC Summit 2025 के दौरान भारत और अमेरिका ने एक ऐतिहासिक 10-वर्षीय रक्षा फ्रेमवर्क साइन किया है। यह समझौता इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग को नई दिशा देगा।
क्या है नए समझौते में?
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अमेरिका और भारत ने इंडो-पैसिफिक, साइबरस्पेस, सैन्य संचालन, स्पेस और इंटेलिजेंस में सहयोग पर जोर दिया।
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रक्षा औद्योगिक को-डेवलपमेंट और को-प्रोडक्शन, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की व्यवस्था होगी।
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सेना के लिए नए हथियार, टेक्नोलॉजी और प्लेटफॉर्म—जैसे F-35 फाइटर जेट्स, Predator MQ-9B Drones, GE इंजन की डील।
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Maritine Domain Awareness और इंटेलिजेंस शेयरिंग को बढ़ावा।
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सामरिक स्थिरता, क्षेत्रीय सुरक्षा और मिलिट्री इंटरोपरेबिलिटी में बढ़ोतरी।
क्यों है यह समझौता विशेष?
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दोनों देशों ने पुराने रणनीतिक समझौते को रिप्लेस किया—अब फोकस अगले दशक के लिए नई चुनौतियों पर।
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भारत की रूस पर निर्भरता घटेगी, रक्षा सप्लाई में अमेरिका से साझेदारी मजबूत।
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ट्रेड डील, ऊर्जा खरीद और कूटनीति में सहयोग भविष्य में बढ़ेगा।
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इस डील के बाद भारत की क्षेत्रीय और वैश्विक कूटनीति में भागीदारी बढ़ेगी।
इंटरनेशनल चर्चा और APEC Summit का माहौल
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APEC Summit में 21 देशों के नेताओं ने हिस्सेदारी की।
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ट्रेड, टेक्नोलॉजी, ग्लोबल सिक्योरिटी, AI, फ्री ट्रेड और सप्लाई चेन पर चर्चा।
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अमेरिका-भारत समझौता Summit की सबसे बड़ी हाइलाइट, ग्लोबली ट्रेंडिंग न्यूज बनी।
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चीन और Indo-Pacific स्थिरता पर विशेष चर्चा रही।
निष्कर्ष
आज का भारत-अमेरिका रक्षा समझौता केवल सैन्य सहयोग नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी, डिप्लोमेसी, सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बड़ा युगांतकारी कदम है। इससे भारत की ग्लोबल पोजिशन और सुरक्षा मजबूत होगी।
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