सोना, शेयर और बिटकॉइन की रफ्तार तेज़ — कब टूटेगा यह ‘ऑल-इन रैली’?

सोना, शेयर और बिटकॉइन तीनों रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। डॉलर की कमजोरी और फेड रेट कट की उम्मीदों ने बाजार को जोश से भर दिया है, पर ये कब तक टिकेगा?

Oct 11, 2025 - 08:00
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सोना, शेयर और बिटकॉइन की रफ्तार तेज़ — कब टूटेगा यह ‘ऑल-इन रैली’?
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📰 सोना, शेयर और बिटकॉइन की रफ्तार तेज़ — कब टूटेगा यह ‘ऑल-इन रैली’?

📈 तीनों बाज़ारों में एक साथ उछाल

2025 में सोना, शेयर बाजार और बिटकॉइन—तीनों ही परिसंपत्तियां नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुकी हैं। डॉलर के कमजोर होने और बॉन्ड यील्ड के स्थिर रहने से निवेशकों ने सोना और इक्विटी दोनों में पैसा लगाया है। वहीं, बिटकॉइन ने भी निवेशकों के भरोसे को और मज़बूती दी है।

🪙 सोना बना निवेशकों का सबसे पसंदीदा ठिकाना

पहली बार सोने की कीमत $4,000 प्रति औंस के पार पहुंच चुकी है। यह बढ़त सिर्फ़ अमेरिकी निवेशकों की नहीं, बल्कि दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों और विदेशी निवेशकों की खरीद का नतीजा है। पिछले तीन सालों में हर साल करीब 1000 टन सोना सेंट्रल बैंकों ने खरीदा है।

💹 शेयर मार्केट में टेक और स्मॉल-कैप का जलवा

Bank of America की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की तीसरी तिमाही में टेक्नोलॉजी, कम्युनिकेशन और स्मॉल-कैप शेयर सबसे बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सेक्टर्स में वही उछाल देखने को मिली जो सोने में हुई है — जो कि ऐतिहासिक रूप से बहुत दुर्लभ है।

⚖️ जोखिम और सुरक्षा दोनों का मेल

RBC Capital Markets के कमोडिटी स्ट्रैटेजिस्ट क्रिस लूनी के अनुसार, “इस समय निवेशक ‘रिस्क-ऑन’ यानी शेयर मार्केट में भी निवेश कर रहे हैं, और साथ ही अस्थिरता से बचाव के लिए सोना भी खरीद रहे हैं।”
मतलब — निवेशक जोखिम भी उठा रहे हैं और सुरक्षा भी खोज रहे हैं।

🪙 बिटकॉइन ने बनाया नया शिखर

सोने और शेयरों की तरह बिटकॉइन ने भी हाल में नया रिकॉर्ड बनाया है। Guggenheim Investments की CIO ऐन वॉल्श के अनुसार, “बिटकॉइन निवेशक भावना का प्रॉक्सी बन चुका है। सोना जहाँ रिस्क-ऑफ एसेट है, वहीं बिटकॉइन रिस्क-ऑन एसेट का प्रतीक।”

💵 डॉलर कमजोर, बॉन्ड मार्केट स्थिर

अमेरिकी बॉन्ड यील्ड जून से अब तक 4%–4.5% के बीच बनी हुई है। सरकार के शटडाउन और ट्रेड पॉलिसी पर अनिश्चितता के बावजूद बॉन्ड मार्केट में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया।

⚠️ कब टूटेगा यह ‘सब कुछ चढ़ रहा’ वाला ट्रेंड?

विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे ही बाजार में कोई बड़ा झटका या वैश्विक जोखिम उभरेगा, यह “ऑल-इन रैली” टूट सकती है। फिलहाल, गोल्डमैन सॅक्स ने 2026 के अंत तक सोने का लक्ष्य $4,900 प्रति औंस तक बढ़ाया है — यानी अभी कुछ समय तक यह तेजी कायम रह सकती है।


💬 निष्कर्ष

बाजार में फिलहाल जो माहौल है, वह उत्साह से भरा है — लेकिन निवेशकों को यह भी याद रखना चाहिए कि जब हर एसेट एक साथ चढ़ रहा हो, तो गिरावट भी उतनी ही तीव्र हो सकती है।

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