दक्षिण भारत में भारी वर्षा का अलर्ट, दिल्ली की हवा ‘Poor’ श्रेणी में: IMD की चेतावनी
IMD ने दक्षिण भारत में भारी बारिश और तूफानी हवाओं की चेतावनी जारी की है। तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में 20 अक्टूबर तक तेज वर्षा की संभावना, जबकि दिल्ली का AQI ‘Poor’ स्तर पर पहुंचा।

🌧️ दक्षिण भारत में भारी वर्षा की चेतावनी, दिल्ली की हवा ‘Poor’ श्रेणी में — IMD का नया पूर्वानुमान
🌀 1. मौसम विभाग का पूर्वानुमान: दक्षिण भारत में फिर से सक्रिय हो रहा सिस्टम
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि दक्षिण भारत के कई हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश और गरज-चमक के साथ तूफानी हवाओं का दौर देखने को मिल सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार, यह परिवर्तन एक नए निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) के कारण होगा, जो 19 अक्टूबर के आसपास अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में बनने की संभावना है।
IMD का कहना है कि जैसे-जैसे यह सिस्टम पश्चिमोत्तर दिशा में आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप जैसे तटीय राज्यों में वर्षा की तीव्रता बढ़ेगी। इस दौरान कई इलाकों में 60 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
🌊 2. मछुआरों और तटीय जिलों को सतर्क रहने की सलाह
मौसम विभाग ने सभी तटीय जिलों के प्रशासन को अलर्ट पर रखा है।
मछुआरों को समुद्र में न उतरने की चेतावनी दी गई है, क्योंकि समुद्री लहरें ऊंची उठ सकती हैं और तेज हवाएं नावों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
इसके साथ ही, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को निचले इलाकों में बाढ़ नियंत्रण और निकासी योजना तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।
केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में पहले से ही भारी वर्षा के कारण जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे लोगों को यातायात और दैनिक जीवन में कठिनाइयां हो रही हैं।
🌾 3. कृषि पर असर: राहत और जोखिम दोनों
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह बारिश किसानों के लिए मिश्रित प्रभाव ला सकती है।
जहां एक ओर यह धान और गन्ने जैसी खरीफ फसलों के लिए नमी की पूर्ति करेगी, वहीं लगातार भारी वर्षा से रबी फसलों की तैयारी और बुवाई पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
कृषि वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि किसान फसलों की कटाई और भंडारण में सावधानी बरतें और खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करें ताकि फसल को नुकसान से बचाया जा सके।
🌫️ 4. दिल्ली की हवा ‘Poor’ श्रेणी में पहुंची, प्रदूषण में लगातार वृद्धि
वहीं, उत्तर भारत की राजधानी दिल्ली में मौसम शुष्क और प्रदूषित बना हुआ है।
मंगलवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 211 दर्ज किया गया, जो कि ‘Poor’ श्रेणी में आता है।
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण के मुख्य कारणों में —
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वाहनों से उत्सर्जित धुआं,
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निर्माण कार्यों से उठती धूल,
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और हवा में ठहराव शामिल हैं।
IMD ने बताया कि दिल्ली का अधिकतम तापमान 32.6°C और न्यूनतम तापमान 19°C रिकॉर्ड किया गया।
अगले कुछ दिनों में हल्की ठंडक बढ़ सकती है, लेकिन बारिश की कोई संभावना नहीं है।
सुबह और शाम के समय हल्की धुंध और धुएं का मिश्रण हवा को और अधिक प्रदूषित बना सकता है।
🌍 5. राष्ट्रीय स्तर पर संभावित प्रभाव
मौसम विज्ञानी मानते हैं कि दक्षिण भारत में बन रहा यह नया सिस्टम अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक देशव्यापी मौसम पैटर्न को प्रभावित कर सकता है।
इससे मध्य और पूर्वी भारत में हल्की वर्षा या आंशिक ठंडक बढ़ सकती है।
हालांकि, उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में मौसम सूखा और प्रदूषित बना रहेगा, जब तक कि सर्द हवाओं का आगमन नवंबर के पहले सप्ताह में न हो।
🧩 6. निष्कर्ष: एक सक्रिय मौसम और बढ़ती पर्यावरणीय चुनौती
एक तरफ़ दक्षिण भारत में मानसून के अवशेष फिर से सक्रिय हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ़ उत्तरी भारत में प्रदूषण का संकट गहराता जा रहा है।
यह परिदृश्य भारत के जलवायु असंतुलन और क्षेत्रीय मौसम विविधता को उजागर करता है — जहां एक ओर बारिश राहत देती है, वहीं दूसरी ओर प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए खतरा बनता जा रहा है।
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