लद्दाख हिंसा: स्टेटहुड आंदोलन में कई मौतें, कर्फ्यू लागू
लद्दाख में स्टेटहुड और छठे शेड्यूल की मांग पर प्रदर्शन हिंसक हो गया। कई लोगों की मौत, दर्जनों घायल, हालात काबू में लेकिन कर्फ्यू लागू।

लद्दाख में लंबे समय से चल रहा स्टेटहुड और छठे शेड्यूल की मांग को लेकर आंदोलन बुधवार को हिंसक हो गया। लेह शहर में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई, जिसमें कई लोगों की मौत और दर्जनों घायल होने की खबर है।
गृह मंत्रालय ने जानकारी दी कि सुबह करीब 11:30 बजे शुरू हुई हिंसा शाम 4 बजे तक जारी रही। इस दौरान उपद्रवी भीड़ ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया, पुलिस पर पथराव किया और सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया। करीब 30 जवान घायल हुए। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें कुछ लोगों की जान गई।
लेफ्टिनेंट गवर्नर कविंदर गुप्ता ने टेलीविज़न संबोधन में मौतों की पुष्टि की, लेकिन संख्या बताने से परहेज़ किया। उन्होंने बताया कि पूरे क्षेत्र में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। गुप्ता के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने सीआरपीएफ वाहन को जलाने की कोशिश की और पुलिस महानिदेशक की गाड़ी पर भी हमला किया।
इस बीच, हिंसा के बीच भारतीय जनता पार्टी का लेह स्थित कार्यालय भी आग के हवाले कर दिया गया। बीजेपी ने आरोप लगाया कि इस हमले के पीछे कांग्रेस का हाथ है और विपक्षी दल युवाओं को उकसा रहा है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पार्षद स्तानजिन त्सेपग को हिंसा का “मुख्य भड़काने वाला” बताया।
दूसरी ओर, पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने सरकार पर शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महीनों से वार्ता की मांग की जा रही थी लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिसके कारण युवा हिंसा की ओर धकेल दिए गए। वांगचुक ने अपने बयान में साफ किया कि आंदोलन जारी रहेगा।
लद्दाख एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) की अगुवाई में 35 दिन से चल रहा आंदोलन केंद्र सरकार से स्टेटहुड और छठे शेड्यूल के तहत विशेष दर्जे की गारंटी की मांग कर रहा है।
फिलहाल सुरक्षाबल हालात पर नज़र बनाए हुए हैं और प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
What's Your Reaction?






