डीएवी कॉलेज कांगड़ा में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का हुआ आयोजन 

गुरुवार को एमसीएम डीएवी कॉलेज कांगड़ा में त्रि- दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ।

Mar 21, 2024 - 21:06
 0  207
डीएवी कॉलेज कांगड़ा में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का हुआ आयोजन 

सुमन महाशा। कांगड़ा 

गुरुवार को एमसीएम डीएवी कॉलेज कांगड़ा में त्रि- दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। कॉलेज के प्राचार्य डॉ बलजीत सिंह पटियाल ने इस सेमिनार में पधारे विभिन्न सत्रों के अध्यक्ष, अतिथियों और सभी प्रतिभागियों का विधिवत रूप से स्वागत किया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पधारे प्रो महावीर सिंह ने सेमिनार का मुख्य भाषण प्रस्तुत किया। डॉ महावीर ने कहा कि उन्होंने इसी महाविद्यालय से अपने करियर की शुरुआत की थी और यहां आकर उन्हें हमेशा ही बहुत अच्छा महसूस होता है। डीएवी कॉलेज कांगड़ा को बुलंदियां छूता देखकर उन्हें बहुत प्रसन्नता हो रही है और वे विश्वविद्यालय परिसर में रहते हुए भी इस कॉलेज के काम करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि डीएवी कॉलेज कांगड़ा शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा अव्वल स्थान पर रहा है। 

ग्रीन एनर्जी की उपयोगिता के विषय में प्रो महावीर ने बताते हुए कहा कि यह केवल फिजिक्स अथवा केमिस्ट्री का विषय नहीं है अपितु संपूर्ण प्राणी जगत इसमें समाहित है। इस क्षेत्र में रोजगार के अद्भुत अवसर हैं और वातावरण के लिए भी ग्रीन एनर्जी एक सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध साधन है। इसके बाद दिन के सत्र प्रारंभ हुए। इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के पहले दिन दो सत्र हुए। इस सेमिनार मे 335 प्रतिभागी प्रतिभागिता कर रहे हैं। प्रथम सत्र में अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पधारे प्रो महावीर सिंह ने की। इस सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ पवन राणा, सीनियर साइंटिस्ट एच.एफ.आर.आई.शिमला, उपस्थित रहे। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया की खरपतवार नाशी केमिकल को प्रयोग करने से मिट्टी की उर्वरकता समाप्त हो रही है और स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है इसलिए बेहतर है कि ऑर्गेनिक खेती की तरफ बढ़ा जाए जिससे पर्यावरण भी प्रदूषित न हो और स्वास्थ्य भी सही बना रहे। 

दूसरे दिन के सत्र में डॉ पवन राणा ने सत्र की अध्यक्षता की। इस सत्र में पहले वक्ता के रूप में केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला से डॉ नीरज गुप्ता उपस्थित रहे। द्वितीय सत्र में द्वितीय वक्ता के रूप में डॉ बृजेश चौहान उपस्थित रहे। उन्होंने अपने वक्तव्य में विश्व में ग्रीन एनर्जी के मुख्य साधन सौर ऊर्जा के बारे में बताया उन्होंने कहा कि विश्व के बड़े-बड़े इंस्टीट्यूट इस दिशा में कार्य कर रहे हैं ।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0