सुरक्षा एजेंसियां रहें सतर्क: नया युद्ध, नई चुनौती
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिस स्मृति दिवस पर साइबर और वैचारिक युद्धों की चुनौती की चर्चा की। समाज और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने की सलाह दी।

पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की बदलती सुरक्षा चुनौतियों को लेकर बड़ा बयान दिया। मंत्री ने कहा कि भारत को अब पारंपरिक लड़ाइयों के साथ-साथ वैचारिक युद्धों का सामना भी करना पड़ रहा है।
नई चुनौतियां: साइबर और वैचारिक युद्ध
राजनाथ सिंह ने बताया कि आतंकवाद, अपराध और वैचारिक युद्ध देश में तेजी से फैल रहे हैं—
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अपराध अब ज़्यादा संगठित और अदृश्य हो गए हैं।
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विचारधारा की लड़ाई इंटरनेट और सोशल मीडिया पर लड़ी जा रही है।
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समाज में अविश्वास, दुष्प्रचार और मानसिकता बांटने की कोशिशें हो रही हैं।
क्यों जरूरी है सतर्क रहना?
मंत्री ने पुलिस जवानों, सुरक्षा एजेंसियों और आम लोगों को आगाह किया—
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सोशल मीडिया व फेक न्यूज़ के जाल से बचें।
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मनोवैज्ञानिक और साइबर हमलों को पहचानें।
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देश के भीतर और सीमाओं पर एकजुट होकर इन नई चुनौतियों का सामना करें।
सरकार की तैयारियां
राजनाथ सिंह के अनुसार—
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भारत 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
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नक्सलवाद समेत आंतरिक सुरक्षा समस्याओं का हल तेजी से निकल रहा है।
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पुलिस, सेना व प्रशासन का सामूहिक प्रयास ज़रूरी है।
निष्कर्ष
रक्षा मंत्री का बयान देशवासियों को एकजुट रहने और जागरूक बनने का संदेश देता है। हिमाचल समेत पूरे देश के युवाओं, पुलिस बल और आम जनता के लिए यह समय है कि वे सोच-समझकर आगे बढ़ें, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई चुनौती कमजोर न कर सके।
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