बिहार चुनाव में राहुल गांधी का जाति बयान, सेना-न्यायपालिका पर विवाद
बिहार चुनाव प्रचार के आखिरी दिन राहुल गांधी ने सेना-न्यायपालिका में 10% वर्चस्व और 90% OBC-दलित की अनदेखी का मुद्दा उठाया, BJP ने दिया कड़ा जवाब।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जाति प्रतिनिधित्व पर बड़ा बयान देकर सियासी विपक्ष के बीच बहस छेड़ दी है। भाजपा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी सेना को जातिगत राजनीति में घसीट रहे हैं।
चुनावी माहौल: क्या है पूरा मामला?
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6 नवंबर 2025 को बिहार चुनाव के पहले चरण की वोटिंग, 121 सीटों पर चुनाव।
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4 नवंबर को औरंगाबाद व कुटुंबा रैली में राहुल गांधी का बयान- “सेना, न्यायपालिका, प्रशासन में ऊपरी 10% लोगों का वर्चस्व, बाकी 90% OBC-दलित-अल्पसंख्यक कहीं नहीं।”
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कांग्रेस ने इस मुद्दे को सामाजिक न्याय और संविधान की रक्षा का सवाल बताया।
BJP का पलटवार
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भाजपा नेताओं ने इसे सेना का अपमान और वोट बैंक राजनीति करार दिया।
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पार्टी का कहना- “राहुल गांधी का बयान देश को बांटने वाला, विभाजनकारी और राष्ट्र विरोधी है।”
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NDA चुनाव प्रचार में रोजगार, विकास और सुरक्षा को मुख्य मुद्दा बना रही है।
Q & A
Q. क्या राहुल गांधी का बयान चुनावी रणनीति है?
A. विपक्ष इसे सामाजिक न्याय का मुद्दा मान रहा है, NDA इसे बांटने की राजनीति कह रही है।
Q. बिहार चुनाव में कौन-से प्रमुख मुद्दे?
A. जातिगत जनगणना, सामाजिक प्रतिनिधित्व, रोजगार, सरकारी योजनाएं, और संविधान की रक्षा।
निष्कर्ष
बिहार चुनाव प्रचार के अंतिम दिन जाति-संविधान पर तीखा सियासी संग्राम छिड़ा है। राहुल गांधी के बयान से जातिगत राजनीति फिर केंद्रीय मुद्दा बनी है। मतदाता कल वोट देंगे, परिणाम 14 नवंबर को आएगा।
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