डॉ. प्रदीप कुमार ने एनआईटी चिरापूंजी में अनुवादित पुस्तक का किया विमोचन

एनआईटी चिरापूंजी (असम) में अनुवादित पुस्तक ‘कौटिल्य अर्थशास्त्र एवं प्रबंधन विज्ञान’ का विमोचन डाॅ. प्रदीप कुमार द्वारा किया गया।

Dec 8, 2024 - 13:52
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डॉ. प्रदीप कुमार ने एनआईटी चिरापूंजी में अनुवादित पुस्तक का किया विमोचन

सुमन महाशा। कांगड़ा

एनआईटी चिरापूंजी (असम) में अनुवादित पुस्तक ‘कौटिल्य अर्थशास्त्र एवं प्रबंधन विज्ञान’ का विमोचन डाॅ. प्रदीप कुमार द्वारा किया गया। बता दें डाॅ. प्रदीप कुमार डीएवी काॅलेज कांगड़ा में अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष और डीएवी पालमपुर में प्रीसींपल के पद पर रह चुके हैं। वर्तमान में डॉ. एनआईआईएलएम विश्व विद्यालय कैथल (हरियाणा) में प्रौफेसर अर्थषास्त्र के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने नेशनल इस्टीटयूट् ऑफ टेक्नोलाॅजी (एनआईटी) चिरापूंजी (असम) में आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित तीन दिवसीय सम्मेलन में भाग लिया।

उद्घाटन समारोह में सोवनियर के उपरांत डाॅ. प्रदीप कुमार और डाॅ. राजपाल द्वारा अनुवादित तथा डाॅ. एसडी/चमोला द्वारा लिखित ‘कौटिल्य अर्थशास्त्र एवं प्रबंधन विज्ञान’ का विमोचन प्रैजीडैंट काॅन्फ्रैंस प्रो. संजय पासवान, सचिव डाॅ. आलोक शर्मा, प्रो. (डाॅ) मोहन पटेल वाईस चांसलर कच्छ (गुजरात), प्रो. पी. महन्ता निदेशक एनआईटी०, डाॅ. अखिलेन्दर प्रताप सिंह एनआईटी०, प्रो. एसएस कलमकर डायरैक्टर एग्रो रिसर्च सैंटर एसपीयू आनंद (गुजरात) तथा रामा कृष्णा मिशन के सचिव स्वामी अनुरागा नंद ने किया। इस अवसर पर कान्फ्रैंस वाइस प्रैजीडैंट डाॅ. दलीप, डाॅ. पुलीन नायक (भूतपूर्व निदेषक देहली स्कूल ऑफ इक्नामिक्स) तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

टेक्नीकल सैषन के चेयरपरसन के रूप में प्रो. डाॅ. प्रदीप कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह नई नीति रोजगार उन्मुख नीति हो सकती है। इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु बड़े पैमाने पर स्किल डवैलपमैन्ट सैंटर खोलने की आवष्यकता है। समय-समय पर मूल्यांकन भी होना चाहिए ताकि टीचिंग लर्निग प्रोसैस में वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तन किया जा सके। अनुसंधान एवं विकास की ओर भी फोकस करने की आवश्यकता है ताकि विकसित अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को निर्धारित समय में प्राप्त किया जा सके।

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