नादौन कॉलेज में बोधि कला उत्सव शुरू, रंगों में सजी प्रतिभा

नादौन के सिद्धार्थ राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय में सीएससीए बोधि कला उत्सव का शुभारंभ, पेंटिंग, मेहंदी व रंगोली में छात्रों ने दिखाई प्रतिभा।

Dec 27, 2025 - 21:21
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नादौन कॉलेज में बोधि कला उत्सव शुरू, रंगों में सजी प्रतिभा

नादौन। सिद्धार्थ राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय, नादौन में सीएससीए बोधि कला उत्सव का शुभारंभ उत्साहपूर्ण और गरिमामय वातावरण में हुआ। यह आयोजन विद्यार्थियों की रचनात्मकता को मंच देने और कला-संस्कृति को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सराहनीय पहल मानी जा रही है।


दीप प्रज्वलन के साथ हुआ औपचारिक उद्घाटन

कला उत्सव का औपचारिक उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील कुमार बस्सी ने दीप प्रज्वलन कर एवं माँ सरस्वती को चुनरी अर्पित कर किया। इस अवसर पर उप-प्राचार्या प्रो. कल्पना चड्ढा, प्रो. नीतिका, डॉ. सीमा शर्मा सहित महाविद्यालय परिवार की गरिमामयी उपस्थिति रही।


पेंटिंग, मेहंदी और रंगोली प्रतियोगिताएं बनी आकर्षण

बोधि कला उत्सव के अंतर्गत पहले दिन—

  • पेंटिंग प्रतियोगिता

  • मेहंदी प्रतियोगिता

  • रंगोली प्रतियोगिता

का सफल आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में महाविद्यालय के विभिन्न संकायों से जुड़े 60 से अधिक विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपनी कलात्मक प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।


सीएससीए टीम ने संभाला संचालन

कार्यक्रम का प्रभावी और अनुशासित संचालन सीएससीए अध्यक्ष अनामिका द्वारा किया गया, जिससे आयोजन सुव्यवस्थित और आकर्षक रूप में संपन्न हुआ। आयोजन में संयोजक डॉ. अमृत लाल शर्मा एवं डॉ. रजनी का विशेष योगदान रहा।


कला-संस्कृति के संवर्धन पर जोर

अपने संबोधन में प्राचार्य डॉ. सुशील कुमार बस्सी ने कहा कि इस प्रकार के कला उत्सव विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास, आत्मविश्वास और रचनात्मक सोच को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने ऐसे आयोजनों को शैक्षणिक वातावरण के लिए अत्यंत आवश्यक बताया।


आयोजन समिति के सदस्य रहे उपस्थित

इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्य डॉ. नरेश कुमार धीमान, प्रो. आदिका, प्रो. परविंदर कुमार, प्रो. शिवांगी, प्रो. अशोक एवं विक्रम सिंह संधू भी उपस्थित रहे।


निष्कर्ष

बोधि कला उत्सव ने नादौन कॉलेज परिसर को रंगों और रचनात्मक ऊर्जा से भर दिया है। ऐसे आयोजन न केवल विद्यार्थियों की प्रतिभा को पहचान दिलाते हैं, बल्कि उन्हें कला और संस्कृति से गहराई से जोड़ते हैं।

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