कुल्लू दशहरे के अंतिम दिन कुल्लू कार्निवाल का हुआ आयोजन
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के अंतिम दिन सोमवार को कुल्लू कार्निवाल का आयोजन किया गया।
ब्यूरो। रोजाना हिमाचल
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के अंतिम दिन सोमवार को कुल्लू कार्निवाल का आयोजन किया गया। इस कार्निवाल में करीब 70 महिला मंडल के अलावा इराक सहित चार विदेशी सांस्कृतिक दलों ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त 5 विभागों की ओर से कार्निवाल में झांकियां निकाली गईं।
दशहरा उत्सव का सोमवार को लंका दहन के साथ समापन किया जाएगा। लंका दहन में अधिष्ठाता रघुनाथ सहित करीब 50 देवी देवता भाग लेंगे। इसके लिए भगवान रघुनाथ दशहरा मैदान स्थित अपने अस्थायी शिविर से लेकर रथ में सवार होकर लंकाबेकर तक जाएंगे। हजारों लोगों द्वारा रथ को खींचकर लाया जाएगा। इस परंपरा को निभाने की प्रक्रिया शाम करीब 4:00 बजे के आसपास आरंभ होंगी। लंका बेकर में रस्मों की अदायगी को भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरादार महेश्वर सिंह द्वारा किया जाता है। भगवान राम के उदघोष के साथ लंका दहन में राजपरिवार की कुलदेवी माता हिडिंबा, माता दोचा मोचा, माता शरबरी सहित अन्य देवियां भी पहुंचेगी।
लंका पर विजय पाने के बाद भगवान रघुनाथ पालकी में सवार होकर रघुनाथपुर के लिए रवाना होंगे। लंका दहन के दिन अधिकतर करीब 300 देवी-देवता भी अपने देवालयों के लिए रवाना हो जाएंगे। रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने कहा कि पूजा अर्चना के बाद लंका दहन की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इसके बाद भगवान रघुनाथ पालकी में अपने मंदिर तथा रथ को रथमैदान में रखा जाएगा।
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