जाम्बला में प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित | रेत, चूना और राख के मिश्रण से की जा सकती मक्की के कीड़े की रोकथाम: लेखराज
सुंदरनगर की जाम्बला पंचायत में प्राकृतिक खेती पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। किसानों को मक्की की फसल को फॉल आर्मी वार्म से बचाने के लिए रेत, चूना और राख के मिश्रण का उपयोग सिखाया गया।
रोहित कौशल। सुंदरनगर
कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण आत्मा सुंदरनगर द्वारा ग्राम पंचायत जाम्बला में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अंतर्गत प्राकृतिक खेती पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों को प्राकृतिक खेती व इसमें उपयोग होने वाले सभी घटकों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
सुंदरनगर कृषि विकास खंड के खंड तकनीकी प्रबंधक लेखराज ने किसानों को प्राकृतिक खेती में उपयोग होने वाले घटकों को प्रयोगात्मक रूप से बताया। किसानों को अपनी प्राकृतिक खेती से लगाई हुई फसलों को बीमारी से बचने के लिए खट्टी लस्सी का उपयोग करना भी सिखाया।
साथ ही किसानों को मक्की की फसल में लगने वाला मुख्य कीड़ा फॉल आर्मी वार्म तथा प्राकृतिक विधि से उसकी रोकथाम बारे बताया। किसानों को बताया गया कि रेत, चूना और राख के मिश्रण से इस कीड़े की आसानी से रोकथाम की जा सकती है।
लेखराज ने किसानों को प्राकृतिक खेती द्वारा तैयार फसलों और मोटे अनाजों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि इस रासायनिक युग में स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक खेती द्वारा तैयार अनाज की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। प्राकृतिक खेती द्वारा तैयार अनाज जहर मुक्त होता है तथा इसमें लागत भी कम लगती है जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकता है।
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