मॉस्को में रूस-उत्तर कोरिया सहयोग समझौते से बढ़ेगी वैश्विक हलचल
रूस-उत्तर कोरिया नेताओं ने 27 अक्टूबर को मॉस्को में अहम द्विपक्षीय बैठक की। मिलिट्री व रणनीतिक सहयोग पर बड़े फैसले, वैश्विक सुरक्षा पर असर संभव।
वैश्विक राजनीति के मंच पर रूस और उत्तर कोरिया के बीच नये सहयोग की शुरुआत हुई है। 27 अक्टूबर 2025 को मॉस्को में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच अहम द्विपक्षीय बैठक संपन्न हुई, जिसमें मिलिट्री और रणनीतिक सहयोग पर बड़े फैसले लिए गए।
बैठक की तारीख और प्रतिनिधि
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बैठक 27 अक्टूबर को क्रेमलिन, मॉस्को में आयोजित हुई।
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री चो सोन हुइ ने बैठक में भाग लिया।
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यह बैठक पिछले वर्ष के रणनीतिक साझेदारी समझौते के सुपोर्ट में हुई।
मुख्य फैसले व मुद्दे
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क्षेत्रीय सुरक्षा, mutual defense तथा मिलिट्री सहयोग पर विस्तृत चर्चा।
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रूस ने उत्तर कोरियाई सैनिकों के योगदान की सराहना की, जो रूस-यूक्रेन संघर्ष में एक्टिव रहे हैं।
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अमेरिका व पश्चिमी देशों की नीतियों के विरोध में साझेदारी और सप्लाई (artillery, मिसाइल, तकनीकी) को मजबूत करने पर सहमति।
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दोनों देशों ने Eurasian Security और आगे होने वाली अंतरराष्ट्रीय बैठकों में साझेदारी बढ़ाने का संकेत दिया।
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पुतिन ने भविष्य में और सहयोग की दृढ़ इच्छा जताई और किम जोंग उन को शुभकामनाएं भेजीं।
Q&A सेक्शन
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रूस-उत्तर कोरिया मिलिट्री मदद क्यों बढ़ा रहे हैं?
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क्षेत्रीय टकराव के मद्देनजर सुरक्षा मजबूती के लिए।
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वैश्विक राजनीति पर क्या असर होगा?
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रणनीतिक गठजोड़ पूरी दुनिया की सुरक्षा एवं डिप्लोमैसी पर असर डालेगा।
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निष्कर्ष
रूस-उत्तर कोरिया की नई साझेदारी वैश्विक सामरिक समीकरणों को बदल सकती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर इसका प्रभाव अगले महीनों में दिख सकता है। हिमाचली पाठकों के लिए यह खबर वैश्विक घटनाक्रम में जागरूकता बढ़ाने वाली है।
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