शिमला का प्रसिद्ध तारा देवी मंदिर: इतिहास, पूजा और दर्शन
तारा देवी मंदिर, शिमला: 1766 में स्थापित, देवी तारा को समर्पित यह मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक अनुभव का अद्भुत केंद्र है।

तारा देवी मंदिर, शिमला से लगभग 11 किलोमीटर दूर शोघी मार्ग पर स्थित है, समुद्रतल से 1851 मीटर की ऊंचाई पर। यह मंदिर देवी तारा को समर्पित है, जो शक्ति की देवी दुर्गा का रूप मानी जाती हैं। यह स्थान धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम है।
🏛️ मंदिर का इतिहास और निर्माण
मंदिर का निर्माण लगभग 1766 ईस्वी में राजा भूपेंद्र सेन द्वारा किया गया था। किंवदंती के अनुसार, राजा ने एक रात देवी तारा का स्वप्न देखा, जिसमें उन्होंने उन्हें हिमाचल प्रदेश में एक मंदिर स्थापित करने का निर्देश दिया। राजा ने स्वप्न के अनुसार 50 बीघा भूमि दान में दी और वहां देवी तारा का मंदिर बनवाया। मंदिर में देवी की मूर्ति आठ धातुओं के मिश्रण 'अष्टधातु' से बनी है, जिसे विशेष रूप से पूजा के लिए स्थापित किया गया था।
🌄 वास्तुकला और पुनर्निर्माण
मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक पहाड़ी शैली में है, जिसमें लकड़ी की नक्काशी और रंगीन चित्रकला प्रमुख हैं। 2018 में, मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था, जिसमें ₹6 करोड़ से अधिक खर्च हुए। इस पुनर्निर्माण में मंदिर की मूल पहाड़ी शैली को संरक्षित रखते हुए, उसमें सोने और चांदी की सजावट की गई। मंदिर में देवी तारा के साथ-साथ महाकाली, महासरस्वती, बटुक भैरव और भगवती की मूर्तियां भी स्थापित हैं।
🌿 धार्मिक महत्व और मान्यताएं
देवी तारा को 'तारा महाविद्या' के रूप में पूजा जाता है, जो शक्ति और ज्ञान की देवी मानी जाती हैं। यह मंदिर उन भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है जो मानसिक शांति, आंतरिक शक्ति और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए यहां आते हैं। यह स्थान तंत्र साधना और ध्यान के लिए भी उपयुक्त माना जाता है।
📅 प्रमुख उत्सव और आयोजन
नवरात्रि, विशेषकर चैत्र और शारदीय नवरात्रों के दौरान, मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और भंडारे आयोजित होते हैं। इन अवसरों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। मंदिर में भंडारा देने के लिए भक्तों को छह साल तक इंतजार करना पड़ता है, जो इसकी धार्मिक महत्ता को दर्शाता है।
🕰️ दर्शन और समय
मंदिर प्रतिदिन सुबह 7:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक खुला रहता है। यहां आने के लिए शिमला रेलवे स्टेशन से टैक्सी या निजी वाहन की सुविधा उपलब्ध है। मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है और यहां आने के लिए कोई विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
📸 आस-पास के दर्शनीय स्थल
मंदिर के निकटवर्ती कुछ प्रमुख आकर्षण:
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जाखू मंदिर: शिमला का प्रसिद्ध हनुमान मंदिर।
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कुफरी: प्राकृतिक सौंदर्य और साहसिक खेलों के लिए प्रसिद्ध स्थल।
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वाइस रॉयल लॉज: ब्रिटिश कालीन ऐतिहासिक भवन।
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कालीबाड़ी मंदिर: शिमला के प्रमुख मंदिरों में से एक।
तारा देवी मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह शिमला के प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित करता है। यह स्थान शांति, ध्यान और आध्यात्मिकता की खोज करने वालों के लिए आदर्श स्थल है।
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