चिदंबरम का तंज: GST सुधार 8 साल देर से आया तोहफ़ा
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार के GST सुधारों का स्वागत किया लेकिन कहा—यह कदम 8 साल देर से उठाया गया और मजबूरी में लिया गया।

पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार के हालिया जीएसटी सुधारों पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने दरअसल इन सुधारों का स्वागत तो किया, लेकिन इसे “8 साल देर से आया कदम” बताया।
चिदंबरम ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा—
"GST दरों में कटौती और रेशनलाइजेशन स्वागत योग्य है, लेकिन यह कदम 8 साल देर से उठाया गया है। मौजूदा डिज़ाइन और दरें कभी लागू ही नहीं होनी चाहिए थीं। विपक्ष लगातार चेतावनी देता रहा, लेकिन सरकार ने हमारी बातों को अनसुना किया।"
सरकार की नीयत पर सवाल
चिदंबरम ने यह भी कहा कि सरकार ने आखिर अभी यह बदलाव क्यों किया, इस पर सोचना चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा—
"धीमी विकास दर? बढ़ता घरेलू कर्ज़? घटती बचत? बिहार चुनाव? या ट्रंप की ओर से लगाई गई टैरिफ़? या इन सब वजहों का मिला-जुला असर?"
TMC ने बताया "जनता की जीत"
इसी मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। पार्टी ने इसे “जनता का दबाव” बताते हुए कहा कि मोदी सरकार तभी झुकती है जब वह पूरी तरह घिर जाती है।
टीएमसी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बीमा प्रीमियम पर टैक्स लगाने के पुराने फैसले को “निर्दयी और जनविरोधी” बताते हुए कहा—
"यह जनता की जीत है। सरकार ने मजबूरी में फैसला पलटा है। हम संसद से लेकर सड़क तक हर जनविरोधी फैसले का विरोध जारी रखेंगे।"
क्या है नया GST सुधार?
बुधवार को हुई 56वीं जीएसटी परिषद बैठक में बड़े फैसले लिए गए। अब देश में जीएसटी को दो स्लैब— 5% और 18% में बांट दिया गया है। पहले मौजूद 12% और 28% स्लैब को खत्म कर दिया गया है।
इस फैसले से घर-गृहस्थी का खर्च, किसानों और छोटे कारोबारियों की लागत, स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती होने की उम्मीद है। सरकार ने इसे "नेक्स्ट-जन जीएसटी रिफॉर्म" बताते हुए इसे देश के लिए दिवाली गिफ्ट कहा है।
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