पालमपुर के जीजीडीएसडी कॉलेज में रेबीज़ रोकथाम पर जागरूकता व्याख्यान
पालमपुर के जीजीडीएसडी कॉलेज में रेबीज़ की रोकथाम व नियंत्रण पर जागरूकता व्याख्यान आयोजित हुआ, जिसमें विशेषज्ञों ने नए दिशानिर्देश और बचाव उपाय समझाए।
मनोज धीमान। पालमपुर
गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म महाविद्यालय (जी.जी.डी.एस.डी. कॉलेज), राजपुर में बुधवार को “रेबीज़ की रोकथाम एवं नियंत्रण” विषय पर जागरूकता व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पशु चिकित्सालय थुरल से वेटरनरी ऑफिसर डॉ. मंजीत कुमार और कंडवाड़ी पशु चिकित्सालय से वेटरनरी ऑफिसर डॉ. मनीष खरवाल विशेषज्ञ वक्ता के रूप में शामिल हुए।
रेबीज़ रोकथाम में सामुदायिक भागीदारी बेहद जरूरी
वेटरनरी अधिकारियों ने भारत में रेबीज़ नियंत्रण संघ और केंद्र सरकार द्वारा जारी नवीन दिशानिर्देशों का उल्लेख करते हुए बताया कि—
-
रेबीज़ नियंत्रण में समुदाय की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
-
जन-जागरूकता और पशुओं की जिम्मेदार देखभाल ही संक्रमण रोकने का प्रमुख उपाय है।
-
भारत सरकार के राष्ट्रीय रेबीज़ नियंत्रण कार्यक्रम के तहत समय पर टीकाकरण और रोकथाम के कई नए उपाय लागू किए गए हैं।
उन्होंने छात्रों को बताया कि कुत्ते या किसी भी पशु के काटने पर:
-
घाव को 15 मिनट तक बहते पानी से धोना,
-
तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना,
-
तथा समय पर वैक्सीन लगवाना अत्यंत आवश्यक है।
विशेषज्ञों ने यह भी चेताया कि केवल काटने से ही नहीं, खरोंच लगने से भी संक्रमण का खतरा रहता है, इसलिए सतर्कता जरूरी है।
महाविद्यालय प्रशासन ने कार्यक्रम को सराहा
महाविद्यालय के निदेशक एवं प्रधानाचार्य डॉ. विवेक शर्मा ने कहा कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम न केवल ज्ञानवर्धक होते हैं, बल्कि विद्यार्थियों में जनस्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदारी भी विकसित करते हैं।
इस कार्यक्रम में सहायक प्राध्यापक अरविंद कुमार और अनुराग शर्मा भी उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
रेबीज़ अभी भी जनस्वास्थ्य की एक गंभीर चुनौती है, ऐसे में संस्थानों में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम युवाओं और समुदाय दोनों को सुरक्षित रखने का मजबूत माध्यम बन रहे हैं।
What's Your Reaction?
Like
0
Dislike
0
Love
0
Funny
0
Angry
0
Sad
0
Wow
0