ट्रंप-शी जिनपिंग की ऐतिहासिक मीटिंग, वैश्विक व्यापार में बड़ा बदलाव
Busan में ट्रंप व शी जिनपिंग ने APEC में व्यापार समझौता किया। चीन ने अमेरिकी पेट्रोलियम खरीदने व टैरिफ कम करने की घोषणा की।
30 अक्टूबर 2025 को दक्षिण कोरिया के Busan शहर में एशिया पेसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने-सामने आए। छः वर्षों बाद हुई इस उच्च स्तरीय बैठक ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी।
क्या हुआ समझौते में?
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दोनों नेताओं ने लगभग 1 घंटा 40 मिनट गहन चर्चा के बाद एक साल की व्यापार ट्रूस (संविदा) की घोषणा की।
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अमेरिका ने चीनी सामानों पर टैरिफ 57% से घटाकर 47% कर दिया। फेंटानिल से जुड़े चीनी उत्पादों पर टैरिफ 20% से 10% कर दिए।
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चीन ने अमेरिकी पेट्रोलियम, सोयाबीन जैसी वस्तुओं की खरीद फिर शुरू करने पर सहमति दी, और अमेरिका को दुर्लभ खनिजों के निर्यात के लिए खुला बाजार देने की बात मानी।
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दोनों ने रूस-यूक्रेन युद्ध और ताइवान मुद्दे पर संयम बरतने का भरोसा जताया।
वैश्विक बाजार में बदलाव
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समझौते के तुरंत बाद गोल्ड 1.2% बढ़ा। अमेरिकी और एशियाई शेयर बाजारों में हल्की गिरावट आई।
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विश्लेषकों ने इसे अस्थायी ट्रूस बताया है, दीर्घकालिक हल के लिए अभी और वार्ता जरूरत है।
नेताओं के बयान
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ट्रंप ने इस मीटिंग को 'दस में बारह नंबर की अद्भुत बैठक' बताया।
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शी जिनपिंग ने दीर्घकालिक सहयोग पर बल दिया।
निष्कर्ष
यह समझौता भले ही अस्थायी हो, लेकिन इससे वैश्विक व्यापार तनाव में बड़ी राहत मिली है। भारत समेत पूरी दुनिया की नज़र अब अगले फैसलों पर है।
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