चीनी-रूसी गठबंधन नया मोड़! शी जिनपिंग-मिशुस्टिन ने पश्चिमी दबाव को किया खारिज
बीजिंग में 4 नवंबर को शी जिनपिंग और मिशुस्टिन ने चीन-रूस सहयोग को मजबूती दी, व्यापार, ऊर्जा और प्रतिबंधों के खिलाफ साझा रणनीति पर सहमति।
बीजिंग में 4 नवंबर 2025 को चीन और रूस के शीर्ष नेताओं ने ऐतिहासिक बैठक कर विश्व मंच पर अपनी रणनीतिक भागीदारी को गहराई दी है। शी जिनपिंग व रूसी प्रधानमंत्री मिशुस्टिन ने व्यापार, ऊर्जा, और पश्चिमी प्रतिबंधों के खिलाफ साझा रणनीति तैयार की।
क्या हुई बैठक में ख़ास बातें?
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व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और डिजिटल विकास में गहरे सहयोग पर सहमति
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चीनी-रूसी साझेदारी को “रणनीतिक प्राथमिकता” बताकर नई मजबूती
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RMB-रूबल आधारित ट्रेड 99% तक पहुंचा
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एकतरफा पश्चिमी प्रतिबंधों का संयुक्त विरोध और काउंटरमेजर की योजना
शी जिनपिंग का बयान
“चीन-रूस सहयोग बदलती वैश्विक परिस्थितियों में संयुक्त रणनीतिक प्राथमिकता है। हम साझेदारी को हर क्षेत्र में नई बुलंदियों पर ले जाएंगे। ऊर्जा, डिजिटल, कृषि और ग्रीन डेवेलपमेंट में एक्सचेंज और बढ़ेगा।”
रूस के मिशुस्टिन ने क्या कहा?
“रूस चीन के साथ निवेश, ट्रांसपोर्ट, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों देश मिलकर वैश्विक मुद्दों के समाधान में सक्रिय रहेंगे।”
Q & A
Q. इस बैठक से किसे सबसे बड़ा फायदा होगा?
A. दोनों देशों को वैश्विक दबाव और पश्चिमी प्रतिबंधों से सुरक्षा मिलेगी, साथ ही ट्रेड और ऊर्जा सेक्टर में स्थिरता आएगी।
Q. पश्चिमी देशों ने प्रतिक्रिया दी?
A. अमेरिका-यूरोप ने साझा प्रेस बयान में चिंता जताई, पर दोनों देशों ने इसका मिलकर जवाब देने का ऐलान किया।
निष्कर्ष
चीन-रूस का यह नया गठबंधन दुनिया में बदलती राजनीति और कूटनीतिक दिशा का संकेत है। दोनों देशों के बीच साझेदारी हर क्षेत्र में मजबूत हो रही है—और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद दोनों शक्तियों ने ऐतिहासिक गठजोड़ का नया अध्याय शुरू किया है।
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