“हिमाचल की वो चोटी, जहां बादल भी रहस्य बुनते हैं”

चूड़धार हिमाचल की शिवालिक श्रेणी की सबसे ऊँची चोटी है। रहस्यमयी जंगल, दुर्लभ वन्यजीव और शिव मंदिर इसे यात्रियों के लिए खास बनाते हैं।

Sep 6, 2025 - 08:41
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“हिमाचल की वो चोटी, जहां बादल भी रहस्य बुनते हैं”
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शिमला/सिरमौर।
हिमाचल प्रदेश का हर कोना अपनी अलग खूबसूरती और रहस्यों के लिए मशहूर है, लेकिन अगर बात शिवालिक पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी की हो तो नाम आता है – चूड़धार (3,647 मीटर)। यह जगह सिर्फ़ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि आस्था, रोमांच और रहस्य का अद्भुत संगम है।

🌲 रहस्यमयी जंगलों का संसार

चूड़धार अभयारण्य को 1985 में संरक्षित घोषित किया गया था। लगभग 56 वर्ग किलोमीटर में फैले इस क्षेत्र में कदम रखते ही आपको लगेगा मानो आप किसी दूसरी ही दुनिया में प्रवेश कर गए हों। घने देवदार और चीड़ के जंगल, ओक के ऊँचे-ऊँचे पेड़ और रोडोडेंड्रोन (बुरांश) के लाल फूल इस जगह को जादुई बना देते हैं। यहां की ठंडी हवाएं और बादलों की चादर हर यात्री को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।

🐾 वन्यजीवों का घर

यह अभयारण्य हिमालयी वन्यजीवों का असली घर है। यहां आपको हिमालयन काला भालू, मस्क डियर, गोरल, तेंदुआ और हिमालयन मोनाल (राज्य पक्षी) जैसे दुर्लभ जीव-जंतु देखने को मिल सकते हैं। पक्षी प्रेमियों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं। कई पर्यटक यहां केवल बर्ड वॉचिंग के लिए भी आते हैं।

🙏 शिव का धाम – चूड़ेश्वर महादेव

चूड़धार का धार्मिक महत्व भी बेहद गहरा है। यहां स्थित चूड़ेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। मान्यता है कि महाभारत काल में भीम इस क्षेत्र में आए थे और उन्होंने यहां तपस्या की थी। स्थानीय लोग मानते हैं कि भगवान शिव का साक्षात वास इसी चोटी पर है। हर साल हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।

🚶‍♂️ रोमांचक ट्रैकिंग रूट्स

चूड़धार को ट्रैकिंग प्रेमियों का पसंदीदा स्थान माना जाता है। यहां तक पहुंचने के लिए कई प्रमुख मार्ग हैं—

  • नोहरा धार (18 किमी): सबसे लोकप्रिय और लंबा ट्रैक।

  • चौपाल (8 किमी): छोटा लेकिन खड़ी चढ़ाई वाला मार्ग।

  • हरिपुर धार (15 किमी): रोमांच और खूबसूरत नजारों से भरा रास्ता।

इन रास्तों पर चलते हुए घने जंगल, झरनों की आवाज़ और बर्फीली चोटियों के नज़ारे हर कदम पर नया अनुभव देते हैं।

🏔️ क्यों खास है चूड़धार?

  • यह शिवालिक की सबसे ऊँची चोटी है।

  • यहां धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम मिलता है।

  • वन्यजीव और बर्ड वॉचिंग के लिए यह जगह खास है।

  • ट्रैकिंग और एडवेंचर प्रेमियों के लिए यह आदर्श गंतव्य है।

🌟 स्थानीय मान्यता और लोककथाएं

स्थानीय लोग चूड़धार को “चूड़चांदनी” भी कहते हैं। उनका मानना है कि इस क्षेत्र में अब भी कई रहस्य छिपे हुए हैं। कई यात्रियों का अनुभव है कि यहां की रातें बेहद रहस्यमयी होती हैं – कभी अचानक घना कोहरा छा जाता है, तो कभी पहाड़ों पर ऐसी शांति छा जाती है मानो प्रकृति कोई अनकही कहानी सुना रही हो।


✨ निष्कर्ष

चूड़धार अभयारण्य सिर्फ़ एक ट्रैकिंग डेस्टिनेशन नहीं बल्कि हिमाचल की उस धरोहर का हिस्सा है जो प्रकृति, आस्था और रहस्य को एक साथ समेटे हुए है। अगर आप हिमाचल आ रहे हैं तो चूड़धार की यात्रा आपके जीवन का अविस्मरणीय अनुभव साबित हो सकती है।

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