शिमला का काली बाड़ी मंदिर: माँ श्यामला की शक्ति का अनूठा धाम
शिमला के केंद्र में स्थित काली बाड़ी मंदिर, माँ काली की आराधना का प्रमुख स्थल है। जानें इसका इतिहास, दर्शन का समय और आध्यात्मिक महत्व।

शिमला के तपते दिल, मॉल रोड के करीब स्थित काली बाड़ी मंदिर—यहां माँ काली की पूजा में हिमाचल की आस्था, संस्कृति और इतिहास सब समाए हैं। हर साल लाखों भक्त इस मंदिर में माँ श्यामला के दर्शन करने पहुंचते हैं और आत्मिक शांति पाते हैं।
मंदिर का इतिहास और धार्मिक महत्व
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1845 में स्थापित, बंगाली शैली और प्रसिद्ध शक्तिपीठ
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शिमला का नाम भी इसी मंदिर की देवी “श्यामला” से जुड़ा है
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ब्रिटिश राज के समय जाखू हिल से वर्तमान स्थान पर आया
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माँ काली का हरा-भरा प्रतिमा स्थल, सुंदर वातावरण
पूजा-अर्चना, त्योहार और आयोजन
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दुर्गा पूजा, काली पूजा, नवरात्रि और दीपावली—विशेष आरती और भव्य उत्सव
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दिनभर माँ की भक्ति में जुटे श्रद्धालु
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सुबह-शाम की आरती, मंत्रोच्चार का माहौल
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सालभर किसी भी वक्त दर्शनों के लिए खुला, दुर्गा पूजा पर खास श्रद्धालुओं की भीड़
यात्रियों के लिए एक्सपीरियंस और जानकारी
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शहर के केंद्र में—मॉल रोड से पैदल या टैक्सी द्वारा पहुंच सकते हैं
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मंदिर परिसर से शिमला का खूबसूरत विहंगम दृश्य
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शांति, सांस्कृतिक अहसास और हिमाचल की पारम्परिक ताकत
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पास में होटल, भोजनालय और शॉपिंग की सुविधा
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प्रवेश निशुल्क, सभी धर्म-समुदाय के लिए खुला
सवाल-जवाब
Q: शिमला आने पर काली बाड़ी मंदिर क्यों जाएं?
A: हिमाचल की संस्कृति, शांति और माँ की कृपा पाना हो—यह मंदिर हर भक्त, टूरिस्ट के लिए बेस्ट जगह है।
निष्कर्ष
काली बाड़ी मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, हिमाचल की आत्मा है—यहां आने वाले हर व्यक्ति को माँ श्यामला की शक्ति और शिमला की खूबसूरती जरूर महसूस होती है।
शांति, श्रद्धा और सच्ची हिमाचली विरासत—सब यहीं मिलती है!
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