एलोपैथी के साथ आयुर्वेद और योग को मिलाकर किया जा रहा है कैंसर का इलाज

दुनिया में लगभग 400 तरह के कैंसर हैं और कैंसर के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण यह पता लगाना है कि मरीज को किस तरह का कैंसर है।

Jul 29, 2024 - 21:08
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एलोपैथी के साथ आयुर्वेद और योग को मिलाकर किया जा रहा है कैंसर का इलाज

रोहित कौशल। सुंदरनगर

दुनिया में लगभग 400 तरह के कैंसर हैं और कैंसर के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण यह पता लगाना है कि मरीज को किस तरह का कैंसर है। होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पंजाब के निदेशक आशीष गुलिया ने एक चंडीगढ़ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में बताया कि इसलिए कैंसर का निदान बहुत अहम है और इसमें लगभग एक महीने का समय लग जाता है और इसकी लागत भी बढ़ जाती है। 50 एकड़ में फैला होमी भाभा कैंसर अस्पताल यह कोशिश कर रहा है कि इस कीमत को कम किया जाए। उन्होंने बताया कि होमी भाभा अस्पताल न्यू चंडीगढ़ और इसके संगरूर केंद्र की गतिविधियां शुरू होने से पंजाब से राजस्थान को कैंसर रोगियों को ले जाने वाली ट्रेन अब राजस्थान से कैंसर रोगियों को पंजाब लाती है।

उन्होंने बताया कि होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल के दरवाजे से कोई भी मरीज बिना इलाज के वापिस नहीं लौटता चाहे उसकी जेब में एक भी पैसा  नहीं हो। उन्होंने बताया कि दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अस्पताल को शुरू किए जाने के बाद अब तक लोगों खासकर महिलाओं को जागरूक करने के लिए पंजाब के सैकड़ों गांवों में एक हज़ार से ज्यादा स्क्रीनिंग कैम्प आयोजित किए जा चुके हैं जिनमें पुरुषों के साथ-साथ पांच लाख से ज्यादा महिलाओं की स्क्रीनिंग की जा चुकी है क्योंकि कैंसर को रोकने का सबसे प्रभावी उपाय इसके बारे में जागरूकता है।

उन्होंने बताया कि कैंसर के इलाज में अब आयुर्वेद तथा योग पद्धतियों को भी शामिल किया जा रहा है तथा इसके अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि कैंसर को प्रभावी ढंग से  रोकने के लिए उन्होंने अस्पताल के 10 से 15 एकड़ और जमीन पंजाब सरकार से मांगी है। इस अस्पताल का एक केंद्र संगरूर के सिविल अस्पताल में काम कर रहा है। अब तक देश में कैंसर के रोगियों के इलाज की सुविधाएं सरकारी क्षेत्र के चुनींदा अस्पतालों के अलावा कारपोरेट अस्पतालों में होती है जिनका मुख्य लक्ष्य रोगोपचार नहीं सिर्फ लाभ है। टाटा मेमोरियल सेंटर और इसके क्षेत्रीय अस्पतालों में 3,000 बिस्तरों की क्षमता है, इन अस्पतालों में पेपरलेस, फिल्मलेस और कैशलेस चिकित्सा सुविधा दी जाती है।

यह कार्यशाला भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई तथा चंडीगढ़ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने कैंसर अस्पताल पंजाब के साथ मिलकर आयोजित की थी। कार्यशाला में चंडीगढ़ के सतह-साथ पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल के पत्रकारों और कैंसर के इलाज से जुड़े डॉक्टरों तथा चितकारा यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुम्बई के वैज्ञानिक डॉक्टर एस टी मेहेत्रे ने सॉलिड वेस्ट मैनजमेंट में परमाणु ऊर्जा के प्रयोग के लिए देश भर में चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में रेडिएशन के इस्तेमाल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि म्युटेशन के माध्यम से ऐसे बीज उन्होंने विकसित किये हैं जो किसान की आय को दुगना कर सकते हैं। मिट्टी की जांच के लिए भी एक किट विकसित की गयी है जिसका प्रयोग किसान खुद  अपने खेत की मिट्टी की जांच के लिए कर सकता कर सकता है।

चंडीगढ़ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरनाथ वाशिष्ठ ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि परमाणु ऊर्जा पर एसोसिएशन के यह दूसरा कार्यक्रम है जिसमें 50 से अधिक पत्रकारों तथा विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। वैज्ञानिक विषयों पर पत्रकारों की क्षमता बढ़ाने के लिए भी भविष्य में इस तरह के और कार्यक्रम करने की योजना है।

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