हिमाचल का शैक्षणिक दल शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के नेतृत्व में पहुंचा लेह
हिमाचल प्रदेश में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को नई दिशा देने और नवाचारों को आत्मसात करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है।

ब्यूरो रिपोर्ट। शिमला
हिमाचल प्रदेश में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को नई दिशा देने और नवाचारों को आत्मसात करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के नेतृत्व में समग्र शिक्षा और शिक्षा विभाग का एक दल केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के शैक्षणिक दौरे पर गया है। इस दल में समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा, स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, समग्र शिक्षा के राज्य समन्वयक और विभिन्न डाइट संस्थानों के शिक्षक शामिल हैं। यह शैक्षणिक दौरा समग्र शिक्षा के अंतर्गत आयोजित किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य लद्दाख की विशिष्ट भौगोलिक व सामाजिक परिस्थितियों में विकसित शिक्षण मॉडल का प्रत्यक्ष अवलोकन करना है।
हिमाचल के दल ने आज लेह के कुछ स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों का दौरा किया। इस दौरान दल ने प्री-प्राइमरी से लेकर अन्य कक्षाओं में चल रही शिक्षण व्यवस्था का अवलोकन किया और बच्चों के नामांकन, शिक्षण अधिगम सामग्री (TLM) के उपयोग तथा स्कूलों में उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी प्राप्त की। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इस अवसर पर विद्यार्थियों से संवाद कर उनके अनुभव और सीखने की प्रक्रिया को जाना।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर अपने लद्दाख दौरे के दौरान वहां के लेफ्टिनेंट गवर्नर से एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर को हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य की संक्षिप्त जानकारी देंगे तथा राज्य सरकार द्वारा शिक्षा सुधारों के लिए किए गए प्रयासों से भी अवगत कराएंगे।
इसके अतिरिक्त, शिक्षा मंत्री की लद्दाख शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी एक बैठक प्रस्तावित है। इस बैठक में लद्दाख के शिक्षा सचिव, निदेशक स्कूल शिक्षा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे। ये अधिकारी हिमाचल के शिक्षा मंत्री को लद्दाख के स्कूलों में अपनाई जा रही उत्कृष्ट शैक्षणिक पद्धतियों (बेस्ट प्रैक्टिसेज) की प्रस्तुति देंगे।
हिमाचल का दल लेह जिले में अपनाई गई मल्टीग्रेड शिक्षण प्रणाली का भी गहराई से अध्ययन करेगा। सीमित संसाधनों और कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों के लिए यह मॉडल अत्यंत उपयोगी साबित हुआ है। इस प्रणाली में से यह सुनिश्चित किया जाता है कि दूर-दराज के गांवों में भी कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए। हिमाचल का दल इस नवाचार से जुड़ी चुनौतियों और इसके प्रभावी क्रियान्वयन की प्रक्रिया को विस्तार से समझेगा।
शिक्षा के क्षेत्र में लद्दाख द्वारा पर्यावरणीय संरक्षण को पाठ्यक्रम से जोड़ने की दिशा में किए जा रहे प्रयास भी इस दौरे का प्रमुख हिस्सा हैं। यहां के विद्यालयों में जल संरक्षण, कचरा प्रबंधन, ईको-टूरिज्म और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे विषयों को न केवल पढ़ाया जा रहा है, बल्कि इनका अभ्यास भी विद्यार्थियों की दैनिक दिनचर्या में शामिल है। सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन और सतत विकास के सिद्धांतों को शिक्षा में समाहित करना लद्दाख की एक बड़ी विशेषता है। हिमाचल का यह दल पर्यावरण और शिक्षा के इस अनूठे समन्वय को भी निकटता से समझेगा।
शिक्षा का यह अध्ययन दौरा केवल कक्षाओं तक सीमित नहीं रहेगा। यह ऐतिहासिक स्थलों का भी भ्रमण करेगा, जहां शिक्षा और सांस्कृतिक विरासत का सुंदर मेल देखने को मिलता है। यह अनुभव शिक्षकों को यह समझने में मदद करेगा कि किस प्रकार स्थानीय इतिहास, परंपराएं और संसाधन बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और प्रासंगिक बना सकते हैं।
हिमाचल का यह दल लेह-लद्दाख की शिक्षा प्रणाली में स्कूल और समुदाय के बीच मौजूद गहरे संबंधों से भी परिचित होगा। यह मॉडल विद्यार्थियों में सामाजिक जिम्मेदारी, आत्मीयता और स्थानीय पहचान की भावना को प्रबल करता है, जो समग्र विकास की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि इस प्रकार की अध्ययन यात्राएं शिक्षकों और अधिकारियों को नई दृष्टि प्रदान करती हैं। यह केवल अन्य राज्यों की सफल शैक्षणिक पहलों को समझने का अवसर नहीं है, बल्कि इन अनुभवों को हिमाचल की स्कूल शिक्षा में लागू कर भविष्य की दिशा तय करने का एक सशक्त माध्यम भी है।
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने इस यात्रा को शिक्षा की गुणवत्ता सुधार की दिशा में एक सार्थक पहल बताया है। उन्होंने कहा कि लेह-लद्दाख की यह यात्रा न केवल जानकारी और अनुभव से भरपूर होगी, बल्कि हिमाचल की शिक्षा प्रणाली को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में भी सहायक सिद्ध होगी।
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