जिला शिमला पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन गुटबाजी का शिकार, चुनावी अधिसूचना पर रोक
शिमला जिला पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन में आंतरिक गुटबाज़ी के चलते चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाई गई है। संयुक्त पंजीयक सहकारी सभाएं ने आत्माराम गुट की अधिसूचना को अंतरिम आदेश के तहत रोका।

ओम प्रकाश शर्मा। शिमला
पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश जिला शिमला के प्रधान भागचंद चौहान व महासचिव भूपराम वर्मा ने शिमला से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि जिला शिमला पेंशनर्स एसोसिएशन के त्रिवार्षिक चुनाव 10 मई 2025 को शिमला के कालीबाड़ी हाल में किए जा चुके हैं, जिसमें शिमला शहरी इकाई के अतिरिक्त 12 ब्लॉकों के 131 डेलिगेट्स ने भाग लिया था। जिला शिमला की कार्यकारिणी का पिछला कार्यकाल 11 अक्टूबर 2024 को पूरा हो गया था और पिछली कार्यकारिणी ने 6 महीने तक बिना किसी कारण के चुनाव नहीं करवाए थे। वर्मा की माने तो आत्माराम शर्मा पूर्व जिला अध्यक्ष शिमला कार्यकारिणी का कार्यकाल 27 मार्च 2024 को समाप्त हो गया था। पेंशनर्स नेताओं का कहना है कि पूर्व जिला अध्यक्ष आत्माराम शर्मा ने एक अधिसूचना जारीकर दोबारा से चुनाव की तिथि निश्चित की है जो संविधान एवं कोऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट 2006 के प्रावधानों के विपरीत है। वर्मा गुटने इस अधिसूचना को रद्द करने के लिए रजिस्टार कोऑपरेटिव सोसाइटीज कि सेमी ज्यूडिशल कोर्ट में चुनौती दी थी जिसको स्वीकारते हुए संयुक्त पंजियक कोऑपरेटिव सोसाइटी ने 21-5- 2025 के अंतरिम आदेश द्वारा तत्काल प्रभाव से आत्माराम गुट के चुनावी प्रक्रिया पर आगामी आदेशों तक रोक लगा दी है। बता दें कि संयुक्त पंजीयक कोऑपरेटिव सोसाइटी के आदेशों के चलते दोनों गुटों की आपसी खींचातानी सामने आ गई है।
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