लाहौल स्पीति के किसानों ने सीखे मोटे अनाज की खेती के गुर
कृषक प्रशिक्षण केन्द्र सुंदरनगर में “खाद्य सुरक्षा के लिए मोटे अनाज की खेती के माध्यम से वर्गीकरण और पोषण में सुधार” पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
रोहित कौशल । सुंदरनगर
कृषक प्रशिक्षण केन्द्र सुंदरनगर में “खाद्य सुरक्षा के लिए मोटे अनाज की खेती के माध्यम से वर्गीकरण और पोषण में सुधार” पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिला लाहौल स्पति के किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान उप प्रधानाचार्य हितेंदर सिंह कृषक प्रशिक्षण केंद्र सुंदरनगर ने मोटे अनाज की खेती और महत्व तथा समन्वयक डॉ सुधीर ने किसानों को मोटे अनाज के द्वारा खाद्य सुरक्षा और पोषण में किस तरह सुधार किया जा सकता है, इसके बारे विस्तृत जानकारी दी।
प्रशिक्षण के पहले दिन किसानों को मोटे अनाज की फसलों का महत्व और आवश्यकता, कृषि में मोटे अनाज की खेती के लिए अनुकूल जलवायु, विश्व की भूख को कम करने के लिए सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मोटे अनाज का महत्व तथा हिमाचल प्रदेश में मोटे अनाज का उत्पादन, महत्व, पहचान एवं पोषक तत्व, मोटे अनाजों का विपणन और इसकी श्रृंखला प्रबंधन आपूर्ति, मोटे अनाज में उद्यमिता, एग्रीस्टार्ट की स्थापना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण के दूसरे दिन मोटे अनाज के मूल्यवर्धन तथा मोटे अनाज की रेसिपी तैयार करने बारे जानकारी दी। किसानों को प्राकृतिक खेती के बिक्री काउंटर का भ्रमण भी करवाया गया। प्रशिक्षण के आखिरी दिन किसानों को व्यावहारिक रूप से कुट्टू व मोटे अनाज से व्यंजन तैयार करके विधि बारे बताया गया।
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