TMC टांडा में प्रशिक्षु डॉक्टर के जाली सर्टिफिकेट का पर्दाफाश, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में खुलासा
टांडा मेडिकल कॉलेज में 2025-26 सत्र के लिए चल रहे MBBS दाखिले की डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में एक प्रशिक्षु डॉक्टर द्वारा प्रस्तुत सर्टिफिकेट जाली पाए गए। जांच समिति ने पूरे मामले की पुष्टि कर अभ्यर्थी की साख पर सवाल खड़े किए।

सुमन महाशा। कांगड़ा
डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय (TMC) टांडा में एमबीबीएस सत्र 2025-26 के दाखिले के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ है। मंगलवार को चल रही डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया में एक प्रशिक्षु डॉक्टर द्वारा प्रस्तुत सर्टिफिकेट जाली पाए गए।
जांच समिति के समक्ष अभ्यर्थी ने सीट आवंटन पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किए। लेकिन जब समिति ने गहन जांच की तो पाया गया कि प्रस्तुत सीट आवंटन पत्र AMRU (Atal Medical & Research University), मंडी की आधिकारिक वेबसाइट से मेल नहीं खाता।
जांच समिति में शामिल अधिकारी:
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डॉ. राजीव गोयल (प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष बायोफिजिक्स)
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डॉ. परवीन कुमार (एसोसिएट प्रोफेसर, सामुदायिक चिकित्सा)
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डॉ. सोनिया धीमान (सहायक प्रोफेसर, फार्माकोलॉजी)
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डॉ. सत्य भूषण (सहायक प्रोफेसर, बॉयोकेमिस्ट्री)
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डॉ. कमल सिंह (सहायक प्रोफेसर, OBG)
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गुरुचरण सिंह (सांख्यिकीविद एवं नोडल अधिकारी)
समिति ने पाया कि अभ्यर्थी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज AMRU द्वारा जारी मेरिट संख्या 108 के अश्लेष साहनी नामक उम्मीदवार के हैं। यानी, संबंधित छात्रा ने किसी अन्य के दस्तावेजों की जालसाजी कर दाखिला लेने का प्रयास किया।
समिति की राय:
यह मामला जाली पहचान (Fake Identity) का है और इस संबंध में पूरी साख संबंधित प्राधिकरण से सत्यापित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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