ट्रंप ने एच-1बी वीजा को जारी रखने की दी राहत, जन्मसिद्ध नागरिकता कानून को रद्द करने का आदेश
एच-1बी वीजा एक गैर-आव्रजन वीजा है, जो अमेरिका में उच्च कौशल वाले विदेशी पेशेवरों को काम करने के लिए जारी किया जाता है।

ब्यूरो। रोजाना हिमाचल
एच-1बी वीजा एक गैर-आव्रजन वीजा है, जो अमेरिका में उच्च कौशल वाले विदेशी पेशेवरों को काम करने के लिए जारी किया जाता है। यह वीजा मुख्य रूप से उन व्यक्तियों के लिए होता है जो विशिष्ट पेशेवर क्षेत्रों में, जैसे कि सूचना प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, वित्त, और अन्य तकनीकी या वैज्ञानिक क्षेत्रों में कार्य करते हैं। एच-1बी वीजा धारक आमतौर पर अमेरिकी कंपनियों द्वारा अपनी पेशेवर विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए काम पर रखा जाता है।
यह वीजा आमतौर पर तीन वर्षों के लिए जारी किया जाता है, और इसे एक बार फिर से छह वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि कंपनी यह साबित करे कि उस विशेष काम के लिए किसी अमेरिकी नागरिक या स्थायी निवासी के पास आवश्यक कौशल नहीं है, ताकि विदेशी कामगार को काम पर रखा जा सके।
भारत जैसे देशों से बड़ी संख्या में पेशेवर एच-1बी वीजा पर अमेरिका जाते हैं, खासकर तकनीकी पेशेवर, जिनमें सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, और अन्य आईटी विशेषज्ञ शामिल हैं। हालांकि, इस वीजा कार्यक्रम को लेकर अमेरिकी सरकार में मतभेद हैं, और कुछ लोग इसे अमेरिकी श्रमिकों के लिए चुनौती मानते हैं, जबकि अन्य इसे तकनीकी क्षेत्र में विशेषज्ञता और कुशल कामकाजी लोगों को आकर्षित करने का एक महत्वपूर्ण साधन मानते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सरकार के दौरान इस वीजा प्रणाली को सुधारने के लिए कई कदम उठाए थे, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह एच-1बी वीजा को रोक नहीं सकते, क्योंकि अमेरिका को इन पेशेवर कामकाजी नागरिकों की सख्त जरूरत है।
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