कु़रूक्षेत्र विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय कान्फ्रैंस में डॉ. प्रदीप कुमार की 51वीं पुस्तक का किया विमोचन

डॉ. प्रदीप कुमार ने इंडियन इक्नॉमिक एसोसिएशन द्वारा आयोजित 107 वीं कन्फ्रेंस में कु़रूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र में भाग लिया।

Jan 3, 2025 - 17:51
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कु़रूक्षेत्र विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय कान्फ्रैंस में डॉ. प्रदीप कुमार की 51वीं पुस्तक का किया विमोचन

सुमन महाशा। कांगड़ा

डॉ. प्रदीप कुमार ने इंडियन इक्नॉमिक एसोसिएशन द्वारा आयोजित 107 वीं कन्फ्रेंस में कु़रूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र में भाग लिया। बता दें कि डॉ. प्रदीप कुमार डी. ए. वी. कॉलेज कांगड़ा में अर्थशास्त्र विभाग में विभागाध्यक्ष तथा डी.ए.वी. पालमपुर में प्रिसींपल के पद पर रहे तथा वर्तमान में एन.आई.आई.एल.एम यूनिवर्सिटी कैथल में बतौर प्रोफेसर अर्थशास्त्र के पद पर कार्यरत हैं। इस अवसर पर डॉ. प्रदीप कुमार ने पुस्तक लेखन में अर्धशतक पार करते हुए 51वीं पुस्तक ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्थाः कुछ मुख्य मुद्दे’’ का विमोचन मुख्य अतिथि कु़रूक्षेत्र विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर प्रो. सोमनाथ, अटल बिहारी विश्वविद्यालय बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के विशिष्ट अतिथि वाईस चांलसर प्रो. ए. डी. एन वाजपेई, श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची के वाईस चांसलर तथा आई.ई.वी के अध्यक्ष प्रो. तपन शांडिल्य, सचिव प्रो. रविन्द्र ब्रह्रमे, डॉ ए. मुरगन, राष्ट्रीय कनवीनर डॉ. अंग्रेज सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र अवस्थी, कन्फ्रैंस संयोजक प्रो. अशोक चौहान द्वारा किया गया। 

डॉ. प्रदीप ने बताया कि डॉ. दिनेश कुमार के साथ लिखित यह पुस्तक प्राध्यापकों तथा विशेषतौर पर शोधकर्ताओं तथा विद्यार्थियों के लिए वरदान सिद्ध होगी। इस अवसर पर चीफ कनवीनर डॉ. अनिल ठाकुर, डॉ. अशोक मितल पूर्व वाईस चांसलर, प्रो. परमजीत दिल्ली स्कूल ऑफ इक्नॉमिक्स, डॉ. अमिन्दर आई. सी. आर, मेरठ युनिर्वसिटी प्रो. दिनेश कुमार, प्रिसींपल डॉ. दुष्यंत उ.प्र., कु़रूक्षेत्र विश्वविद्यालय से प्रो. संजीव वंसल, डॉ. अर्चना, डॉ. किरण, डॉ. प्रिया शर्मा, डॉ. मनोज भी उपस्थित रहे। 

तत्पश्चात डॉ. प्रदीप कुमार ने डॉ. प्रवीण के साथ अपने शोध पत्र ‘‘हरियाणा में माइक्रो समाल एंड मिडियम इंटरप्राईजिजः अर्थिक प्रगति का स्तभ’’ में बताया कि एम एस एम ई का सकल घरेलु उत्पाद में विशेष योगदान है। यदि कुछ समस्याओं का हल कर दिया जाए तो माईक्रो समाल एवं मिडियम इंटरप्राजिज उच्च आर्थिक विकास दर को प्राप्त करने में योगदान देते हुए सन् 2047 तक विकसित भारत के सपने को भी साकार करने में अहम भूमिका निभा सकते है।

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