जीवन बीमा में ये 5 गलतियाँ आपकी प्लानिंग बिगाड़ देंगी!

भारत में जीवन बीमा की कमी गंभीर चिंता है। जानिए 5 आम गलतियाँ जो लोग पॉलिसी लेते समय करते हैं और उनसे बचकर कैसे मिल सकती है सही सुरक्षा।

Aug 28, 2025 - 12:48
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जीवन बीमा में ये 5 गलतियाँ आपकी प्लानिंग बिगाड़ देंगी!

नई दिल्ली: निवेश और अतिरिक्त कमाई की चाहत रखने वाले लोग अक्सर एक बड़ी ज़रूरत को नज़रअंदाज़ कर देते हैं— जीवन बीमा। आंकड़े बताते हैं कि भारत में जीवन बीमा की पहुंच वैश्विक स्तर की तुलना में काफी कम है। हमारे देश में जीवन बीमा का योगदान केवल GDP का 3.2% है, जबकि दुनिया में यह औसतन 7% से ज़्यादा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, किसी व्यक्ति को अपनी सालाना आय का 10–12 गुना बीमा कवर लेना चाहिए, लेकिन भारत में लोगों के पास औसतन केवल 3.1 गुना कवरेज है। यह कमी परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। अगर सही बीमा कवर न हो, तो मजबूत वित्तीय योजना भी अचानक ध्वस्त हो सकती है।

यहाँ हम आपको जीवन बीमा से जुड़ी 5 आम गलतियाँ और उनसे बचने के उपाय बता रहे हैं:

1. कवरेज की ज़रूरत को कम आंकना

लोग अक्सर affordability के आधार पर पॉलिसी खरीद लेते हैं, लेकिन उनकी वास्तविक आर्थिक ज़िम्मेदारियों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। नतीजा यह होता है कि अनहोनी की स्थिति में परिवार को पैसों की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इससे बचने के लिए DIME पद्धति (कर्ज, आय, बंधक, शिक्षा) का उपयोग करें और अपनी ज़रूरत के अनुसार कवरेज चुनें।

2. केवल नियोक्ता के कवरेज पर भरोसा

अधिकतर लोग नौकरी देने वाले संस्थान की बीमा पॉलिसी पर निर्भर रहते हैं, जबकि यह कवरेज बहुत सीमित होता है और नौकरी बदलने या रिटायरमेंट के बाद खत्म हो जाता है। ऐसे में, अपनी व्यक्तिगत टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी लेना बेहद ज़रूरी है, ताकि परिवार की सुरक्षा नौकरी पर निर्भर न हो।

3. लाभार्थी की जानकारी अपडेट न करना

शादी, बच्चे का जन्म या किसी प्रियजन के निधन जैसे बदलावों के बाद लाभार्थी की जानकारी अपडेट न करना एक बड़ी गलती है। इससे भविष्य में बीमा राशि गलत हाथों में जा सकती है। इसलिए नामांकित व्यक्ति की जानकारी समय-समय पर जाँचें और अपडेट करें।

4. गलत पॉलिसी चुन लेना

कई लोग टर्म और परमानेंट लाइफ इंश्योरेंस में फर्क न समझ पाने के कारण गलत पॉलिसी चुन लेते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ज्यादातर परिवारों के लिए टर्म इंश्योरेंस बेहतर विकल्प है, क्योंकि यह कम प्रीमियम पर पर्याप्त कवरेज देता है।

5. पॉलिसी की समीक्षा न करना

जीवन बीमा कोई एक बार की खरीद नहीं है। आय, जीवनशैली और आर्थिक लक्ष्यों में बदलाव के साथ पॉलिसी की सालाना समीक्षा करना बेहद ज़रूरी है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आपका कवरेज आपकी मौजूदा ज़रूरतों के अनुसार बना रहे।

निष्कर्ष

भारत में जीवन बीमा की अपर्याप्तता चिंता का विषय है। यदि लोग इन 5 आम गलतियों से बचें और समय पर पॉलिसी की सही समीक्षा करें, तो न केवल उनकी आर्थिक सुरक्षा पक्की होगी बल्कि उनके परिवार को भी भरोसेमंद सुरक्षा मिलेगी।


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