एशिया कप फाइनल से पहले इंडिया की कैचिंग ने बढ़ाई टेंशन
एशिया कप फाइनल से पहले भारत ने भले जीत दर्ज की हो, लेकिन पांच आसान कैच छोड़ना टीम के लिए बड़ी चिंता बन सकता है।

एशिया कप 2025 के सुपर-4 चरण में भारत ने बांग्लादेश को हराकर फाइनल का टिकट तो हासिल कर लिया, लेकिन इस जीत के बावजूद टीम इंडिया की फील्डिंग पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। पूरे मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने पांच कैच टपकाए, जिसने टीम की तैयारियों पर चिंता की लकीरें खींच दीं।
भारत ने इस टूर्नामेंट में शुरू से ही अलग-अलग प्रयोग किए हैं। बल्लेबाज़ी क्रम में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं। बांग्लादेश के खिलाफ मैच में शिवम दुबे को तीसरे नंबर पर उतारा गया, जबकि सूर्यकुमार यादव और संजू सैमसन को नीचे भेजा गया। दुबे अपनी पारी में सफलता हासिल नहीं कर सके, लेकिन हार्दिक पंड्या ने बीच के ओवरों में आकर टीम को संभालते हुए 29 गेंदों पर 38 रन बनाए।
गेंदबाज़ी में भी भारत ने नए विकल्प आज़माए। अक्षर पटेल ने चारों ओवर फेंके, जबकि दुबे को आख़िरी ओवरों में आज़माया गया। भारतीय स्पिनर्स ने एक बार फिर अपनी धार दिखाई और विपक्षी बल्लेबाज़ों को दबाव में डाला।
हालांकि, फील्डिंग भारत की सबसे बड़ी कमजोरी के रूप में उभर रही है। आंकड़ों के मुताबिक, भारत अब तक इस एशिया कप में कुल 12 कैच छोड़ चुका है, जो टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा है। तेज़ रोशनी, नमी और मैदान की परिस्थितियां खिलाड़ियों के लिए चुनौती साबित हो रही हैं, लेकिन खिलाड़ी मानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहाने काम नहीं आते।
टीम इंडिया की ताकत उसकी गहराई और संसाधनों में है, जिसकी बदौलत अब तक जीत हासिल होती रही है। लेकिन फाइनल जैसे बड़े मैच में अगर ऐसे मौक़े गंवाए गए, तो कीमत चुकानी पड़ सकती है।
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