एनएसएस कैंप के छठे दिन स्वयंसेवियों ने की कॉलेज परिसर एवं न्यू बॉयज हॉस्टल की सफाई
एमसीएम डीएवी कॉलेज कांगड़ा में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस कैंप के छठे दिन स्वयंसेवियों ने महाविद्यालय परिसर एवं न्यू बॉयज हॉस्टल की साफ सफाई की ।

सुमन महाशा। कांगड़ा
एमसीएम डीएवी कॉलेज कांगड़ा में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस कैंप के छठे दिन स्वयंसेवियों ने महाविद्यालय परिसर एवं न्यू बॉयज हॉस्टल की साफ सफाई की । इस दौरान स्वयंसेवियों के लिए एक विशेष व्याख्यान का आयोजन भी किया गया जिसमें डॉ अरुणदीप शर्मा ने बतौर मुख्य वक्ता अपना व्याख्यान रखा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की स्थापना 24 सितंबर, 1969 को हुई थी. । इसकी शुरुआत तत्कालीन केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. वी.के.आर.वी. राव ने की थी। इस दिन को एनएसएस दिवस के रूप में मनाया जाता है । एनएसएस का आदर्श वाक्य है, *"मैं नहीं, बल्कि आप* " । यह इस बात पर ज़ोर देता है कि किसी व्यक्ति का कल्याण पूरे समाज के कल्याण पर निर्भर करता है और हमारी भारतीय संस्कृति का भी मुख्य ध्येय जन-कल्याण की भावना से ओत-प्रोत रहा है ।
एनएसएस से स्वयंसेवियों में स्व- अनुशासन की भावना पैदा होती है। इसके साथ ही स्वयंसेवी इस बात के प्रति भी प्रेरित होते हैं कि किस तरह मिलजुल कर कार्य किया जाता है और जीवन की विपरीत परिस्थितियों होने के बावजूद भी सामंजस्य स्थापित किया जाता है ।
इसके साथ ही डॉ अरुणदीप शर्मा ने योग के विषय में भी अपना वक्तव्य रखा उन्होंने कहा कि योग एक आध्यात्मिक अनुशासन है जो मन और शरीर को जोड़ने पर केंद्रित है। योग से शारीरिक और मानसिक चेतना बढ़ती है। शरीर और मन पर नियंत्रण रखने में मदद मिलती है और शांत मन और प्रबल विचार आते हैं।
What's Your Reaction?






