जिला ऊना में आयोजित हुई हिमाचल प्रदेश करूणामूलक संघ की जिला स्तरीय बैठक

हिमाचल प्रदेश करूणामूलक संघ द्वारा जिला स्तरीय बैठकों में संघ की दूसरी बैठक जिला ऊना के लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाऊस में की गई।

Sep 30, 2024 - 12:35
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जिला ऊना में आयोजित हुई हिमाचल प्रदेश करूणामूलक संघ की जिला स्तरीय बैठक

ब्यूरो। रोजाना हिमाचल

हिमाचल प्रदेश करूणामूलक संघ द्वारा जिला स्तरीय बैठकों में संघ की दूसरी बैठक जिला ऊना के लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाऊस में की गई। हिमाचल प्रदेश करूणामूलक संघ की जिला स्तरीय बैठक प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में की गई। जिसमें राज्य मीडिया प्रभारी गगन कुमार, जिला प्रधान निखिल शर्मा उप प्रधान साहिल व आईटी सेल शादी लाल, नरेंद्र, सुनील सैकड़ो की संख्या में करूणामूलक आश्रितों ने भाग लिया। 

बता दें कि करुणामूलक संगठन व समस्त परिवारों ने काफी लंबा संघर्ष पूर्व में किया और इस संघर्ष को यह निरंतर इसी प्रकार चलाए हुए हैं। विधानसभा चुनावों के समय जब कांग्रेस सरकार विपक्ष में थी तो करुणामूलक परिवारों को एक साथ सभी को वन टाइम सेटलमेंट देने कि बात हर एक मंच से की गई थी।

अब जाकर प्रदेश सरकार करुणामूलक परिवारों के मुद्दे को लेकर गंभीर हुई है जिस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु द्वारा करुणामूलक सब कमेटी गठित कर दी गई । कमेटी का अध्यक्ष शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर व कमेटी मेंबर राजेश धर्मानी और युजविन्द्र गोमा को बनाया गया। मुख्यमंत्री द्वारा कमेटी को आदेश दिया गया की जल्द से जल्द इस मुद्दे को कैबिनेट में लाया जाए। जिस पे हाल ही में पिछली कैबिनेट में करुणामूलक पॉलिसी पर भी कैबिनेट में चर्चा हुई।

कैबिनेट में चर्चा होने के पश्चात अब इन सभी परिवारों के दिलों में न्याय की उम्मीद जगी है। सभी परिवारों का कहना है कि सरकार बिना पेंशन से छेड़छाड़ किए करुणा मूलक परिवारों को नौकरियां प्रदान करे। पेंशन एक विधवा का हक है यह हक विधवा से ना छिना जाए।

यह परिवार काफी लम्बे समय से नौकरियों का इन्तजार कर रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में जल्द करूणामूलक नौकरियाँ बहाली हेतू आश्वासन इन सभी परिवारों को दिया है।

संगठन द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष मांग रखी गई थी कि जो भी पॉलिसी में खामियां है उनको दूर किया जाए व संगठन के दो से तीन पदाधिकारी को सुझाविय तौर पर सब कमेटी में बुलाए / जगह दी जाए ताकि जो भी पॉलिसी में खामिया है उस पर पदाधिकारी अपने सुझाव सब कमेटी को दे सकें। संघ के पदाधिकारियो का कहना है कि रिजेक्ट केसों की नोटिफ़िकेशन को भी सरकार द्वारा वापिस लिया जाए। और जिन विभागों, बोर्डों, निगमों व यूनिवर्सिटी में खाली पोस्टे नहीं हैं वहाँ पर पोस्टे क्रिएट की जाए या फिर अन्य किसी विभाग में कासों को शिफ्ट करके नौकरियां दी जाएं ताकि सब परिवारों को न्याय मिल सके।

मुख्य मांगें:-

1) कैबिनेट में पॉलिसी संशोधन किया जाए जिसमें 62500 एक व्यक्ति सालाना आय शर्त को खत्म किया जाए । और आय सीमा को 2.50 लाख से ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया है।

2) वित विभाग के द्वारा रेजेक्टेड केसों को कंसिडेर न करने की नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया जाए| और रेजेक्टेड केसों को दोवारा कंसिडेर करने की नोटिफिकेशन जल्द की जाए।

3) 5% कोटे की शर्त को हमेशा के लिए हटा दिया जाए व जिन विभागों बोडो निगमो और यूनिवर्सिटी में खाली पोस्टें नही है उन केसों को अन्य विभाग में शिफ्ट करके नोकरियाँ दी जाए।

 4) योग्यता के अनुसार सभी श्रेणियों (Technical+ non Techanical) के सभी पदों में नोकरियां दी जाए ताकि एक पद पर बोझ न पड़े ।

उपरोक्त मांगों के सन्द्रभ में कैबिनेट में मोहर लगाई जाए।

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