नादौन में विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फोरम की बैठक का किया आयोजन
विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फोरम की नादौन इकाई की बैठक इकाई अध्यक्ष राजकुमार चौधरी की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

रूहानी नरयाल। नादौन
विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फोरम की नादौन इकाई की बैठक इकाई अध्यक्ष राजकुमार चौधरी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस मौके पर विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फोरम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में विभिन्न दुर्घटनाओं में मारे गए तीन युवाओं की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया गया और शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई और इन दुर्घटनाओं की निष्पक्षता के साथ जांच करवाने की मांग की गई। बैठक में विद्युत बोर्ड लिमिटेड द्वारा सेवानिवृत कर्मचारियों को ₹50-50 हजार की पहली किस्त व 20% संशोधित ग्रेच्युटी का भुगतान न होने व सेवानिवृत हो रहे कर्मचारियों को पिछले डेढ़ 2 साल से लीव-इन-कैशमेंट व ग्रेच्युटी का भुगतान न होने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की।
बैठक में बोर्ड प्रबंधन द्वारा लंबे समय से रोके गए वित्तीय लाभों को अतिशीघ्र जारी करने की मांग की गई। इस अवसर पर फोरम के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने पेंशनर्स को संबोधित करते हुए कहा कि विद्युत बोर्ड लिमिटेड में वित्तीय कुप्रबंधन के चलते पेंशनर्स को अपने वित्तीय लाभों से महरूम रहना पड़ रहा है और विद्युत बोर्ड लिमिटेड में पिछले दो साल से हो रही वित्तीय अनियमताओं की भी न्यायिक जांच करवाने की मांग की। उन्होंने कहा की विद्युत बोर्ड लिमिटेड के आर्थिक हालात इतने ज्यादा खराब नहीं है कि पेंशनर्स व कर्मचारियों के वित्तीय लाभों की अदायगी ना हो पाए। उन्होंने कहा कि आज बिजली बोर्ड लिमिटेड का लगभग 587 करोड़ रूपया उपभोक्ताओं के पास फंसा है जिसमें अकेले आईपीएच विभाग के पास 238 करोड़ 58 लाख रुपए का बकाया लेने को है जबकि सरकारी दफ्तरों का लगभग 27 करोड रुपए का बिल बकाया है वही बड़े उद्योगों का भी लगभग 164 करोड़ रूपया पेंडिंग है।
वही प्रदेश सरकार द्वारा मुफ्त में दी जा रही बिजली की सब्सिडी भी छः छः महीने तक रोलबैक नहीं हो पा रही है और आज लगभग 700 करोड़ से ज्यादा मुफ्त की बिजली का सरकार के पास बिजली बोर्ड का बकाया है। आलम यह है की विद्युत बोर्ड लिमिटेड उपभोक्ताओं की जरूरत को पूरा करने के लिए सरकारी व गैर सरकारी एजेंसियों से जो बिजली खरीद रहा है उसकी अदायगी भी बैंक से लोन लेकर की जा रही है। खराब माली हालत के लिए विद्युत बोर्ड लिमिटेड व प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं।
खरवाड़ा ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में विद्युत बोर्ड लिमिटेड में दो नियमित व एक आउटसोर्स कर्मचारी का दुर्घटना में मारा जाना अत्यंत दुख का विषय है और आज अकेले अकेले कर्मचारियों को भाग दौड़ करनी पड़ रही है और तनाव पूर्ण माहौल के चलते दुर्घटनाओं के दर में वृद्धि हुई है जिसके चलते आज मारे जा रहे युवाओं की पत्नियों के सिर का सुहाग उजड़ रहा है वही नन्हे बच्चे यतीम हो रहे हैं और बूढ़े मां-बाप बेसहारा व लाचार हैं। विद्युत बोर्ड लिमिटेड में निर्धारित नियमों के मुताबिक स्टाफ मुहैया करवाने के लिए नई भर्ती ना करना ऐसी दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है।
खरवाड़ा ने कहा पिछले दिनों हमीरपुर में हुई महा पंचायत में नादौन इकाई के अध्यक्ष नितिश भारद्वाज को नई भर्ती के पक्ष में आवाज उठाने के दोष में निलंबित कर देना अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने अंदेशा जताया कि सरकार को कुछ लोगों द्वारा गलत जानकारियां दे करके इस निलंबन को अंजाम दिया गया है जबकि नितिश भारद्वाज द्वारा ऐसी कोई भी असंसदीय व असंवैधानिक बात नहीं कही गई है और उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि नितिश भारद्वाज द्वारा किए गए संबोधन का वीडियो खुद सुने ताकि उनको वास्तविकता का पता चले और नितिश भारद्वाज का निलंबन रद्द किया जाए।
खरवाड़ा ने कहा कि कर्मचारियों को पेंशनर्स के लंबित सभी मसलों को बातचीत के माध्यम से सुलझाने की बजाय निलंबन का रास्ता अख्तियार करना सरकार व मुख्यमंत्री की छवि को भी आघात पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा की बोर्ड प्रबंधन द्वारा इस तरीके की तानाशाही पूर्ण कार्यवाही करके कर्मचारियों व पेंशनर्स का मनोबल गिराने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि इस निलंबन के विरोध में व पेंशनर्स व कर्मचारियों के समस्त मुद्दों को लेकर विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फोरम, संयुक्त संघर्ष समिति के साथ मजबूती के साथ खड़ा है और किसी भी किस्म का अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगा।
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