नादौन के पछनाल गांव में सहस्त्र चंडी महायज्ञ सम्पन्न, पूर्णाहुति में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
नादौन के पछनाल गांव में नौ दिवसीय सहस्त्र चंडी महायज्ञ पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न हुआ। 41 ब्राह्मणों द्वारा आहुतियां अर्पित की गईं और हजारों श्रद्धालुओं ने भंडारे में भाग लिया। आयोजन में अध्यात्म, भक्ति और सामाजिक समरसता का अद्भुत संगम देखने को मिला।

ब्यूरो रिपोर्ट, नादौन।
नादौन उपमंडल के पछनाल गांव में नौ दिवसीय सहस्त्र चंडी महायज्ञ का समापन रविवार को पूर्णाहुति के साथ भव्य रूप से किया गया। यज्ञ स्थल पर वातावरण वेद मंत्रों और आहुतियों की पवित्र ध्वनियों से गूंज उठा, जिससे समस्त क्षेत्र भक्तिमय हो गया।
विश्व शांति और जनकल्याण की कामना:
इस महायज्ञ में 41 विद्वान ब्राह्मणों ने विधिपूर्वक आहुतियां अर्पित कीं। विश्व शांति, जनकल्याण, सुख-समृद्धि की कामनाओं के साथ हवन यज्ञ सम्पन्न हुआ।
श्रद्धालुओं की अपार भीड़:
समापन अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सभी ने श्रद्धा व भक्ति भाव से हवन में भाग लिया और परम शक्ति से लोकमंगल की प्रार्थना की।
विशाल भंडारे का आयोजन:
पूर्णाहुति के उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया और आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
मुख्य यजमान और आयोजन की विशेषता:
महायज्ञ के मुख्य यजमान राजकुमार शर्मा रहे जबकि यज्ञ का संचालन आचार्य सुमित भारद्वाज के मार्गदर्शन में किया गया। आचार्य ने बताया कि ऐसे आयोजनों से समाज में सकारात्मक ऊर्जा, आध्यात्मिक बल और सांस्कृतिक चेतना का प्रसार होता है।
भक्ति, सत्संग और देवी पाठ से गूंजा क्षेत्र:
नौ दिनों तक सुबह-शाम हवन, देवी पाठ, कथा, भजन-कीर्तन, सत्संग आदि आयोजित किए गए, जिससे पछनाल गांव सहित आस-पास का क्षेत्र पूरी तरह धार्मिक रंग में रंगा रहा।
सामाजिक एकता का प्रतीक:
यह महायज्ञ केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण रहा, जिसने एकता, भाईचारे और सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूती दी।
What's Your Reaction?






