नदी-नालों के किनारे बने सैंकड़ों स्कूल खतरे में! शिक्षा विभाग ने ताबड़तोड़ मांगी रिपोर्ट
मंडी की आपदा के बाद शिक्षा विभाग सतर्क! हिमाचल में नदी-नालों के किनारे बने स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गई। खतरे में बच्चों की सुरक्षा, हो सकती है शिफ्टिंग।

शिमला | ब्यूरो रिपोर्ट | रोज़ाना हिमाचल
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हालिया प्राकृतिक आपदा ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। इस संकट के बाद शिक्षा विभाग तुरंत हरकत में आ गया है। विभाग ने सभी जिलों के उपनिदेशकों को आदेश जारी कर कहा है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में नदी-नालों के किनारे बने स्कूलों और कॉलेजों की तत्काल रिपोर्ट भेजें। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई शिक्षण संस्थान अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र में आता है, तो उसे संबंधित एसडीएम के संज्ञान में लाया जाए, ताकि उस भवन को "असुरक्षित" घोषित कर वैकल्पिक स्थान पर स्थानांतरित किया जा सके।
⚠️ हर रोज़ की जानी होगी नुक्सान की रिपोर्टिंग
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि मानसून के चलते हो रहे नुक्सान की डेली रिपोर्टिंग अनिवार्य है। इससे सरकार और प्रशासन को समय रहते कदम उठाने में सुविधा होगी।
🏚️ बरसात में टूटते भवन, बच्चों की जान पर बन आती है!
जानकारी के अनुसार प्रदेश में सैंकड़ों स्कूल इस बार की बारिश में आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान सिर्फ बारिश के कारण होता है, और नदी-नालों के किनारे बने स्कूल सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
🔮 भविष्य की योजना: नहीं बनेंगे स्कूल खतरनाक इलाकों में
मंडी जैसी घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए शिक्षा विभाग अब यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी नए स्कूल का निर्माण नदी या नाले के समीप न किया जाए, ताकि विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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