सरकार को वादा याद दिलाने शिमला पहुंचे हिमाचल प्रदेश के समस्त करुणामूलक

ब्यूरो रिपोर्ट। शिमला
शनिवार को प्रदेश भर के करुणामुलक प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मिलने शिमला सचिवालय पहुंचे। यहां उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनावों के समय किया गया वायदा याद दिलाया। बता दें कि प्रदेश भर के करुणामूलक आश्रितों में भारी निराशा थी। सरकार को बने हुए 10 महीने होने वाले है पर सरकार की तरफ से अभी तक करुणामुलक परिवारों के हित में कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया है। जबकि सरकार बनने के पश्चात मार्च महीने में हजारों की संख्या में करुणामुलक शिमला पहुंचे थे और मुख्यमंत्री के द्वारा करुणामुलक संघ को आश्वासन मिला था की जल्द संघ के पदाधिकारियों की आधिकारिक लेबल पर बैठक बुलाई जाएगी। और सरकार द्वारा किए गए वादे को अमल में लाया जाएगा। 10 महीने होने को आए है पर अभी भी करुणामुलक परिवारों के हित में निराशा ही निराशा है।
करुणामुलक परिवारों का कहना है कि जैसे सुक्खू सरकार बनने से पहले चुनावों के समय करुणामुल्क परिवारों के हित में जो भी घोषणाएं की थीं उन्हें जल्द से जल्द धरातल पर उतारें और करुणामूलक परिवारों के हित में फैसला लिया जाए।
इसके साथ ही संघ के सभी पदाधिकारी वह आश्रितों ने इस बात पर रोष जताया कि सरकार द्वारा अपनी चहितों को नौकरियां दी जा रही हैं। जिसमें एक आईपीएस के बेटे को 8 महीने के अंदर करुणामूलक आधार पर नौकरी दी गई। जिसमें सरकार ने करुणा मूलक पॉलिसी को दरकिनार करके ना आय सीमा देखी और ना ही डेथ आफ सीनियोरिटी। समस्त परिवारों का कहना है कि क्या पॉलिसी गरीब परिवारों के लिए ही बनाई गई है एक आईपीएस के परिवार के लिए नहीं। क्यों इन परिवारों को एक वोट बैंक का जरिया ही समझा जाता है। क्या इन लोगों ने अपने परिवार का सदस्य नहीं खोया भेदभाव क्यों ?
संघ ने मुख्यमंत्री के समक्ष मांग रखी थी जल्द से जल्द पॉलिसी संशोधन किया जाये ब 62500 की शर्त को हटाया जाए और इनकम को ज्यादा से ज्यादा फ्लैट किया जाए। ताकि ज्यादा से ज्यादा परिवारों नौकरियां मिल सकें।
मुख्य मांगें:-
1) आगामी कैबिनेट में पॉलिसी संशोधन किया जाए जिसमें 5 लाख आय सीमा निर्धारित की जाए जिसमें एक व्यक्ति सालाना आय शर्त को हटाया जाए |
2) वित विभाग के द्वारा रेजेक्टेड केसों को कंसिडेर न करने की नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया जाए| और रेजेक्टेड केसों को दोवारा कंसिडेर करने की नोटिफिकेशन जल्द की जाए |
3) क्लास-C व क्लास-D में कोटे की शर्त को हमेशा के लिए हटा दिया जाए !
4) जिन विभागों में खाली पोस्टें नही है उन केसों को अन्य विभाग में शिफ्ट करके नोकरियाँ दी जाए |
5) योग्यता के अनुसार क्लास- C व क्लास -D के सभी श्रेणियों (Technical+ non Techanical) के सभी पदों में नोकरियां दी जाए ताकि एक पद पर बोझ न पड़े
उपरोक्त मांगों के संदर्भ में कैबिनेट में मोहर लगाई जाए।
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