देव रीति रिवाज, समृद्ध विरासत हमारे संस्कृति के आधारभूत स्तंभ: भविता शर्मा
ग्रामीण की ग्राम पंचायत खटनोल का दलाना गांव जो यहां की सबसे ऊंची चोटी शाली टीब्बा के आंचल में बसा है। यहां पर माता का भव्य मंदिर विराजमान है।

ओम प्रकाश शर्मा। शिमला
ग्रामीण की ग्राम पंचायत खटनोल का दलाना गांव जो यहां की सबसे ऊंची चोटी शाली टीब्बा के आंचल में बसा है। यहां पर माता का भव्य मंदिर विराजमान है। साज जिसे स्थानीय भाषा में “साजी” भी बोला जाता है यहां पर हर महा देव रीति रिवाज से मनाया जाता है। देव संस्कृति की झलक हमारे ग्रामीण समाज में सदियों से देखने को मिलती है जिसे स्थानीय लोगों ने आपसी स्नेह और श्रद्धा से संजोकर रखा है। साज का मुख्य आकर्षण देव पूजन होने पर पारंपरिक परिधान से सुसज्जित वाद्य यंत्रों की मधुर थाप पर वातावरण देवमय हो जाता है। अपने इष्ट देव वह आराध्या के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दूर दराज से लोग शामिल होते हैं।
देव रीति रिवाज समृद्ध विरासत हमारे संस्कृति के आधारभूत स्तंभ है देव रीति रिवाज और समृद्ध संस्कृति को आपसी स्नेह और सम्मान के साथ संजोए रखने की आवश्यकता है। बता दें कि खटनोल से दला ना गांव तक के लिए छोटी गाड़ियों की आवाजाही के लिए सड़क का निर्माण तो हुआ है। मगर मंदिर कमेटी, पंचायत प्रतिनिधियों व दलाना गांव के प्रबुद्ध जनों को मिलकर इसे लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित कर इसे पक्का करने का प्रयास किया जाना चाहिए, ताकि माता के मंदिर तक आवाजाही सुगम हो सके।
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